सोनीपत: जीव-जंतु हम मनुष्यों के लिए क्यों महत्वपूर्ण – श्यो प्रसाद
आने वाली पीढ़ियों के लिए जीव जंतु सिर्फ कहानी बनकर रह जाएंगे। बहुत से जीव हमारे लिए घातक हैं, और कुछ फायदेमंद भी हैं लेकिन इन्हें प्रकृति ने पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने के लिए एक खाद्य जाल का निर्माण किया है, जिसके अनुसार, पौधे प्रकाश संश्लेषण से भोजन बनाते हैं, टिड्डे आदि पौधों को अपना भोजन बनाते हैं, मेंढक टिड्डों को अपना भोजन बनाते है, बाज मेढ़क खाता है।
सोनीपत, (अजीत कुमार): आज ग्राम पंचायत रोहट प्राथमिक पाठशाला के बच्चों ने जैव विविधता जागरूकता अभियान के तहत एक रैली निकाल कर लोगों को जीवों की महत्वता का सन्देश दिया। जिसकी अध्यक्षता हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड से श्यो प्रसाद डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर सोनीपत ने की। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर लाखों प्रकार के जीव जंतु, कीड़े मकोड़े, इत्यादि पाए जाते हैं। इन्हें भी पृथ्वी पर रहने का उतना ही हक है जितना की हमें है। बहुत से जीव जंतु विलुप्त हो चुके हैं। अगर सारे ही जीव जंतु न रहे तो यह पृथ्वी सूनी हो जाएगी।
आने वाली पीढ़ियों के लिए जीव जंतु सिर्फ कहानी बनकर रह जाएंगे। बहुत से जीव हमारे लिए घातक हैं, और कुछ फायदेमंद भी हैं लेकिन इन्हें प्रकृति ने पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने के लिए एक खाद्य जाल का निर्माण किया है, जिसके अनुसार, पौधे प्रकाश संश्लेषण से भोजन बनाते हैं, टिड्डे आदि पौधों को अपना भोजन बनाते हैं, मेंढक टिड्डों को अपना भोजन बनाते है, बाज मेढ़क खाता है।
उन्होंने पोस्टरों के माध्यम से ये भी बताया कि अगर खाद्य जाल के किसी जीव की संख्या बढ़ जाएगी, तो इससे असन्तुलन पैदा होने लगेगा। मान लीजिए, सभी मांसाहारी जीव न रहें तो शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ जाएगी और ऐसे में पेड़ पौधों की संख्या में भी तेजी से गिरावट आने लगेगी। जो प्रकृति के लिए नुकसान दायक बन जायेगा और अगर मांसाहारी जीवों की संख्या शाकाहारी जीवों से बहुत अधिक हो जाती है तो इस स्थिति में मांसाहारी जीवों को भोजन के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है, हो सकता है वे एक दूसरे को ही खाने लगें।
श्यो प्रसाद ने उदाहरण देकर सभा में उपस्थित बच्चों को बताया कि रंग बिरंगे पक्षी, तितलियां, मछलियां भी आकर्षण का केंद्र है, जिन्हें देख दिल खुश हो जाता है। तितलियों की मधुमक्खी की तरह कृषि क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनके जरिए एक पौधे के परागकण या बीज दूसरे क्षेत्रों तक पहुँच जाते हैं, जिससे भिन्न भिन्न स्थानों पर नए पौधे उपज जाते हैं और अंत में सरोज कुमारी स्कूल मुख्य अध्यापिका ने अहम् जानकारी देने के लिए जिला समन्वयक सोनीपत का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बीरमति देवी, सीमा रानी, मोहिनी आदि अध्यापकगण मौजूद रहें।
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