सोनीपत: जैन धर्म के संतों का स्वागत: शोभायात्रा निकाली भक्तिमय हुआ गन्नौर
प्रवचन भास्कर श्री मुकेश मुनि जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि संतों का नगर में आगमन जीवन में सौभाग्य को जगाने का अवसर होता है। संत और बसंत जब आते हैं, तो वहां खुशहाली फैल जाती है।
- आत्म उन्नति और चातुर्मास पर धर्मिक प्रवचन और भक्ति रसधारा बही
- संत और बसंत जब आते हैं, तो वहां खुशहाली फैल जाती है: जैन मुनि
सोनीपत, (अजीत कुमार): सोनीपत की धर्म नगरी गन्नौर में जैन धर्म के संतों की भव्य स्वागत हुआ, शोभायात्रा निकाली गई गन्नौर भक्तिमय हो गया। आत्म उन्नति और चातुर्माय पर धर्म अध्यात्म पर मंगलकारी प्रवचनों की रसधारा प्रवाहित हुई।
बुधवार को श्री एस एस जैन सभा गन्नौर मंडी के तत्वाधान में आचार्य कल्प श्री राम कृष्ण जी महाराज की मंगल कृपा से मुनि मायाराम परंपरा के गुरुवर रमेश मुनि जी महाराज, मुकेश मुनि जी महाराज, युवा तपस्वी मुदित मुनि जी महाराज, तपस्वी रत्न सुमेर मुनि जी महाराज और विद्याभिलाषी श्रेयांश मुनि जी महाराज ने चातुर्मास हेतु गन्नौर मंडी में प्रवेश किया। इस अवसर पर गन्नौर मंडी के विभिन्न धर्म संस्थाओं ने पूज्य गुरुदेवों का श्रद्धा भक्ति भाव के साथ स्वागत किया।
इस मंगल अवसर पर श्री दिगंबर जैन समाज, श्री सांवरिया परिवार, श्री अग्रवाल समाज, और श्री स्वर्णकार समाज ने रेलवे रोड पर पूज्य श्री रमेश मुनि जी महाराज के प्रवेश पर आए हजारों श्रद्धालुओं श्रावकों को जलपान लिया और विभिन्न खाद्य पदार्थों द्वारा पुण्य का लाभ लिया। समीपवर्ती गांवों और दिल्ली, चंडीगढ महानगरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इस शोभायात्रा में शिरकत की। यह पदयात्रा जीटी रोड गन्नौर के जैन तीर्थ गुप्ति धाम से आरंभ हुई अनाज मंडी गेट, नमस्ते चौक होते हुए जैन स्थानक पहुंची।
प्रवचन भास्कर श्री मुकेश मुनि जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि संतों का नगर में आगमन जीवन में सौभाग्य को जगाने का अवसर होता है। संत और बसंत जब आते हैं, तो वहां खुशहाली फैल जाती है। श्री रमेश मुनि जी महाराज ने बताया कि संत व्यक्ति को धर्म से जोड़ देते हैं, और जीवन की बुराइयों से दूर करने में मदद करते हैं। युवा मुनि श्री मुदित मुनि जी महाराज ने भजन के माध्यम से धर्म ध्यान करने की प्रेरणा दी।
खेड़ी गुर्जर से आए तपस्वी श्री सुमेर मुनि जी महाराज और श्री श्रेयांश मुनि जी महाराज ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि चातुर्मास काल आत्म उन्नति का अवसर होता है। व्यक्ति को अपने जप तप द्वारा आत्मा का आकलन करना चाहिए। जैन महिला मंडल ने स्वागत गीत गाकर गुरुजनों का अभिनंदन किया। श्री संघ के प्रधान मुकेश जैन, महामंत्री आशीष जैन, और कोषाध्यक्ष कपिल जैन ने समस्त संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया।
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