सोनीपत: सुरेंद्र पंवार को मिली राहत, हाईकोर्ट ने बरी किया
सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने हाईकोर्ट में दलील दी कि जब पंवार का नाम किसी एफआईआर में नहीं था, तो उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया। कोर्ट ने दस्तावेजों के आधार पर फैसला सुनाया।
सोनीपत, (अजीत कुमार): हरियाणा विधानसभा चुनावों के बीच कांग्रेस के सोनीपत से कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेंद्र पंवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के 25 करोड़ रुपये के केस में बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध ठहराया और मामले को खारिज कर दिया। लगभग तीन महीने पहले ईडी ने पंवार को गिरफ्तार किया था।
सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने हाईकोर्ट में दलील दी कि जब पंवार का नाम किसी एफआईआर में नहीं था, तो उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया। कोर्ट ने दस्तावेजों के आधार पर फैसला सुनाया। पंवार की बरी होने की खबर मिलते ही कांग्रेस समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और मिठाइयां बांटी गईं। खुशी में पंवार समर्थकों ने लड्डू बांटे।
सुरेंद्र पंवार खनन व्यापारी हैं। 20 जुलाई को गुरुग्राम में पूछताछ के बाद उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह अंबाला जेल में थे। कांग्रेस ने उन्हें दोबारा टिकट दिया, और 12 सितंबर को पंवार ने जेल से ही नामांकन किया।
सोनीपत विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आने वाले निखिल मदान को उम्मीदवार बनाया है। सुरेंद्र पंवार के जेल में होने के कारण उनकी पुत्र वधु समीक्षा पंवार ने चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाली हुई। हालांकि, अब पंवार के जेल से बाहर आने के बाद मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
सुरेंद्र पंवार का हरियाणा और राजस्थान में खनन कारोबार है। इस साल 4 जनवरी को ईडी ने उनके सोनीपत स्थित घर पर रेड की थी, जिसमें 36 घंटे तक जांच चली और मनी लॉन्ड्रिंग के दस्तावेज खंगाले गए।
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