सोनीपत: सुमित आंतिल गोल्डन ब्वाय ने फिर रचा इतिहास, पेरिस पैरालंपिक में जीता स्वर्ण

सुमित का यह प्रदर्शन स्वर्ण पदक जीतने के लिए काफी था। इस इवेंट में भारत के संदीप ने 62.80 मीटर थ्रो के साथ चौथा स्थान और संजय सर्गर ने 58.03 मीटर के साथ सातवां स्थान प्राप्त किया।

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हाइलाइट्स

  • यह ऐसे नौजवान की दास्तां है जो आपको सफलता की प्रेरणा देती है

सोनीपत, (अजीत कुमार): हरियाणा के सोनीपत जिले के गोल्डन ब्वाय सुमित आंतिल ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया। टोक्यो पैरालंपिक में जैवलिन थ्रो का स्वर्ण पदक जीतने के बाद सुमित ने पेरिस पैरालंपिक में भी स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया। यह समाचार होने साथ साथ प्रेरणा देने की कहानी भी है।

इस बार सुमित ने पैरालंपिक में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए दूसरे प्रयास में 70.59 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर नया कीर्तिमान स्थापित किया। इससे पहले, टोक्यो पैरालंपिक में उन्होंने 68.55 मीटर का थ्रो किया था, जिसे इस बार उन्होंने पहले ही प्रयास में 69.11 मीटर दूर फेंककर पार कर लिया।

सुमित का यह प्रदर्शन स्वर्ण पदक जीतने के लिए काफी था। इस इवेंट में भारत के संदीप ने 62.80 मीटर थ्रो के साथ चौथा स्थान और संजय सर्गर ने 58.03 मीटर के साथ सातवां स्थान प्राप्त किया। श्रीलंका के दुलन कोडिथुवाकु को रजत और ऑस्ट्रेलिया के माइकल बरियन को कांस्य पदक मिला। सुमित ने एफ64 कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता, जो उन एथलीट्स के लिए होती है जिनके एक पैर की लंबाई दूसरे से कम होती है, जिससे चलने और दौड़ने में कठिनाई होती है।

सुमित के लिए यह सफर आसान नहीं रहा है। 2015 में हुए एक सड़क हादसे ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। लेकिन सुमित ने हार नहीं मानी और कठिनाइयों का डटकर मुकाबला किया। टोक्यो में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने अपने परिवार को गौरवान्वित होने का अवसर दिया।

सुमित का जन्म 7 जून 1998 को हुआ था। उनके पिता एयरफोर्स में तैनात थे, उनका जब निधन हुआ तब सुमित सिर्फ सात साल के थे। मां निर्मला देवी ने सभी कठिनाइयों के बावजूद अपने चारों बच्चों का पालन-पोषण किया। 2015 में एक हादसे में सुमित ने अपना एक पैर खो दिया, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और खेलों में अपना करियर बनाया।

सुमित कोच विरेंद्र धनखड़ और द्रोणाचार्य अवॉर्डी नवल सिंह के मार्गदर्शन में खेल के क्षेत्र में आगे बढ़े। 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद, उन्होंने 2018 में एशियन चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया था, जहां वह पांचवें स्थान पर रहे थे। नेशनल गेम्स 2019 में सुमित ने स्वर्ण पदक जीतकर खुद को साबित किया।

सुमित आंतिल की यह यात्रा संघर्ष, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास की कहानी है, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

 

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