सोनीपत: एचसीएस में 17वांं रैंक लाने वाली शिखा आइडियल बनी
शिखा आंतिल ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही उन्होंने एचसीएस की परीक्षा दी। पहले ही प्रयास में 17वां रैंक मिला। उनका सपना है कि वह आईएएस बने और समाज में अधिकारी के रूप में बदलाव लाए। दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएससी की पढ़ाई कर रही शिखा ने दिन-रात मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है।
- शिखा का सपना है कि अधिकारी बनकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं
- लड़कियों को भी आगे बढ़ने के अवसर मिलने चाहिए: शिखा आंतिल
- भाई सतपाल आंतिल वर्तमान में यूपी के प्रतापगढ़ में एसपी हैं
सोनीपत, (अजीत कुमार): हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) परीक्षा में खेवड़ा गांव की बेटी शिखा आंतिल ने 17वां स्थान कर अपने हम उम्र के लिए आईडियल बनी है। गांव और परिवार का नाम रोशन करने वाली शिखा की सफलता से परिवार और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। मिठाइयां बांटी गई हैं। बेटियां भी ऊंचा मुकाम हांसिल करती हैं यह शिखा ने साबित किया है।
शिखा आंतिल ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही उन्होंने एचसीएस की परीक्षा दी। पहले ही प्रयास में 17वां रैंक मिला। उनका सपना है कि वह आईएएस बने और समाज में अधिकारी के रूप में बदलाव लाए। दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएससी की पढ़ाई कर रही शिखा ने दिन-रात मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है।
शिखा के शुरुआती सफर और प्रेरणा
शिखा ने अपने सफर की शुरुआत 3 साल की उम्र में की थी, जब उन्होंने जिद्द करके स्कूल में दाखिला लिया था। बड़ी बहन हिमानी को स्कूल जाते देख बस में जाने की जिद्द करने लगी। शिखा को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। 2019 में 12वीं की परीक्षा एक निजी स्कूल से पास करने के बाद, उन्होंने 2022 में किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। एमएससी केमिस्ट्री इन ऑर्गेनिक का एग्जाम देने से वंचित रह जाने के बावजूद, शिखा ने अपनी मेहनत से एचसीएस में सफलता हासिल की।
परिवार का सहयोग
शिखा की सफलता का श्रेय उनके पूरे परिवार को जाता है। उनके भाई सतपाल आंतिल, जो वर्तमान में यूपी के प्रतापगढ़ में एसपी के पद पर कार्यरत हैं, उनके लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उनके चाचा विकास आंतिल ने भी एक बेहतरीन गुरु की भूमिका निभाई है। उन्होंने शिखा को चॉकलेट या टॉफी नहीं, बल्कि किताबें दीं, जिससे उनके ज्ञान की भूख बढ़ी और वे सफलता के पायदान पर कदत रख्ती चली गई।
समाज में बदलाव का सपना
शिखा का सपना है कि वे अपने शहर में एसडीएम बनकर आएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं। उनका मानना है कि जैसे उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ा-लिखा कर इस मुकाम तक पहुंचाया, वैसे ही अन्य लड़कियों को भी पढ़ाया जाना चाहिए और समय से पहले उनकी शादी नहीं होनी चाहिए।
शिखा आंतिल की इस उपलब्धि ने उनके परिवार, पूरे गांव का मान बढ़ाया है। उनका यह सफर और उनकी मेहनत हरियाणा की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। शिखा का यह संदेश है कि लड़कियों को भी आगे बढ़ने के पूरे अवसर मिलने चाहिए।
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