सोनीपत: धर्म और साधना से जीवन को सरल एवं सुगम बनता है: डॉ श्रीमणिभद्र

डॉ श्रीमणि भद्र जी महाराज सेक्टर 15 जैन स्थानक में चातुर्मास के दौरान रविवार को श्रावकों को संबोधित कर रहे थे। महाराज श्री ने कहा कि हमें जीवन में अच्छा श्रावक होना चाहिए। सुनने से हमें ज्ञान प्राप्त होता है और ज्ञान से ही विज्ञान की प्राप्ति होती है। विज्ञान का अर्थ है विशेष ज्ञान। धर्म के बिना ज्ञान और विज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती।

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सोनीपत, (अजीत कुमार): नेपाल केसरी मानव मिलन के संस्थापक राष्ट्र संत डॉ श्रीमणिभद्र जी महाराज ने कहा कि हमारे जीवन में विवेक का बहुत महत्व है। अविवेकी आदमी जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ सकता। जिसके जीवन में विवेक हो वह कुछ भी प्राप्त कर सकता है। जीवन में विवेक हो इसके लिए धर्म का आचरण होना आवश्यक है। धर्म और साधना के रास्ते पर चलकर ही हम अपने जीवन को सरल एवं सुगम बना सकते हैं।

डॉ श्रीमणि भद्र जी महाराज सेक्टर 15 जैन स्थानक में चातुर्मास के दौरान रविवार को श्रावकों को संबोधित कर रहे थे। महाराज श्री ने कहा कि हमें जीवन में अच्छा श्रावक होना चाहिए। सुनने से हमें ज्ञान प्राप्त होता है और ज्ञान से ही विज्ञान की प्राप्ति होती है। विज्ञान का अर्थ है विशेष ज्ञान। धर्म के बिना ज्ञान और विज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती।

महा साध्वी परम पूज्य डॉ श्री अनुज्ञा जी महाराज ने कहा कि के जीवन में मनुष्य अपने मन मे बहुत से अच्छे बुरे विचार के लिए घूमता रहता है। जो बातें भूल जानी चाहिए वह अपने मन मे संजोकर रखता है। जो बात नहीं भूलनी चाहिए वह जल्दी ही भूल जाता है। सबसे पहले हमें अपनी सोच को टटोलना होगा कि हम क्या देखते हैं। सकारात्मकता देखने वाला व्यक्ति नकारात्मकता नहीं देख पाता और नकारात्मकता देखने वाला व्यक्ति कभी सकारात्मक नहीं देख पात देख पाता। वर्तमान में हमें अपने रिश्तों को मजबूत बनाना है। रिश्ते मजबूत होंगे तो हम सारी दुनिया जीत सकते हैं। यह विडंबना है कि अपने ही अपनों को हराने की कोशिश करते हैं। जिससे व्यक्ति के अंदर हीन भावना आती है।

 

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