सोनीपत: व्यक्तिगत गोपनियता को लीक करने का किसी को अधिकार नहीं: चेयपर्सन रेनू
यरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि एक प्रोफसर कक्षा में शिक्षा के अलावा ऐसे कार्य करवाएं वो बिल्कुल गलत है और गैरकानूनी है। किसी की व्यक्तिगत गोपनियता को लीक करना राइट टू प्राइवेसी एक्ट के खिलाफ है।
- हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया पहुंची ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी
- मामले को लेकर जिंदल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को आयोग के समक्ष पेश होने का नोटिस भेजा जाएगा
- यूनिवर्सिटी में हमास व फिलिस्तीन के बारे में हुए कैंडल मार्च तथा देश के विरूद्घ गतिविधि की जांच के लिए डीजीपी को लिखेंगे
सोनीपत: ट्विटर के माध्यम से हरियाणा राज्य महिला आयोग के संज्ञान में आए मामले की जांच करने के लिए आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया मंगलवार को ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में पहुंची। यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले विद्यार्थियों से बातचीत की तो पता चला कि यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर ने कक्षा के अंदर बच्चों को डेटिंग एप को डाउनलोड करके इस्तेमाल करने के लिए बोला, जिससे विद्यार्थियों की व्यक्तिगत गोपनियता लीक हुई है। जब कुछ छात्राओं ने इसका विरोध किया तो प्रोफेसर ने उनको फैक नाम से अकाउंट बनाने के लिए कहा गया।
चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि एक प्रोफसर कक्षा में शिक्षा के अलावा ऐसे कार्य करवाएं वो बिल्कुल गलत है और गैरकानूनी है। किसी की व्यक्तिगत गोपनियता को लीक करना राइट टू प्राइवेसी एक्ट के खिलाफ है। विद्यार्थियों की व्यक्तिगत गोपनियता को लीक करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। यूनिवर्सिटी की संबंधित प्रोफ्रेसर को हरियाणा महिला आयोग के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों महिला आयोग के समक्ष उचाना से स्कूली बच्चियों के साथ हुए गलत व्यवहार का मामला सामने आया था, जिसपर आयोग ने तुरंत कार्यवाही करते हुए स्कूल प्रिंसिपल को गिरफ्तार करवाया है।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले दिल्ली विश्वविद्यालय से मुख्य वक्ता के रूप में आए प्रोफसर ने विद्यार्थियों को अपने विषय से हटकर अपने लेक्चर के दौरान फिलिस्तीन और हमास के बारे में बाते शुरू की और भारतीय सेना को गलत ठहराने के साथ-साथ बच्चों को मानव बम कैसे बनाया जाता है। इसे कब और कैसे प्रयोग किया जाता है के अलावा लव जिहाद मामलों के बारे में गलत शिक्षा प्रदान की, जिससे बच्चों के दिमाग पर गलत प्रभाव पड़ा। चेयरपर्सन ने बताया कि इस बारे में जब यूनिवर्सिटी के वीसी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
चेयरपर्सन ने बताया कि गत दिनों यूनिवर्सिटी के अंदर हमास और फिलिस्तीन के बारे में कैंडल मार्च निकाला गया। एक लडक़ी बच्चों को देश के विरूद्घ बाते बता रही थी। यूनिवर्सिटी के 11 हजार बच्चों को विषय से हटकर किताबे बांटी गई, जिसके बारे में वीसी को पता ही नहीं है। इस मामले को लेकर वे स्वयं मुख्यमंत्री से बातचीत करेंगी और पुलिस डीजीपी को भी इस मामले की जांच करने और संबंधित के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखेंगी। जिंदल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन, वीसी व अन्य अधिकारियों को भी संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि इससे यूनिवर्सिटी का नाम खराब हो रहा है।
एसडीएम अमित कुमार, एसीपी मुकेश कुमार, नायब तहसीलदार अंकित, महिला एवं बाल विकास विभाग की पीओ प्रवीण कुमारी, डब्ल्यूसीडीपीओ गीता गहलावत, एडवोकेट पूजा व रितु कपूर उपस्थित रहे।
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