सोनीपत: भगवान विश्वकर्मा: शिल्पकला के प्रथम वैज्ञानिक, प्रेरणा का स्रोत
भगवान विश्वकर्मा न केवल कामगारों और कारीगरों के मार्गदर्शक हैं, बल्कि उनका जीवन और कृतित्व एक ऐसा ग्रंथ है, जिससे हर व्यक्ति अपने जीवन को गढ़ सकता है।
सोनीपत, (अजीत कुमार): गन्नौर मंडी के रेलवे रोड स्थित श्री विश्वकर्मा मंदिर धर्मशाला में विश्वकर्मा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्रधान सोमदत्त जांगड़ा ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा, शिल्पकला के सबसे पहले वैज्ञानिक और इंजीनियर, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा न केवल कामगारों और कारीगरों के मार्गदर्शक हैं, बल्कि उनका जीवन और कृतित्व एक ऐसा ग्रंथ है, जिससे हर व्यक्ति अपने जीवन को गढ़ सकता है।
इस अवसर पर विश्वकर्मा समाज के गणमान्य व्यक्तियों में उप-प्रधान नफे सिंह पांचाल, मनोज पांचाल, सतीश जांगड़ा, बलवीर धीमान, जोगिंद्र धीमान, पूर्व प्रधान सोहन लाल पांचाल, दया शंकर और कृष्ण धीमान उपस्थित थे। कार्यक्रम में वक्ताओं ने भगवान विश्वकर्मा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि उनका योगदान न केवल कारीगरी में है, बल्कि वह समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र कौशिक ने श्री विश्वकर्मा मंदिर माथा टेका और भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद लिया।