सोनीपत: व्यक्ति अच्छा बनने के बजाय अच्छा दिखने पर दे रहे ध्यान: डॉ. मणिभद्र मुनि जी महाराज
जैसे चाकू का प्रयोग अगर भोजन बनाने के लिए हो, तो वह उपयोगी है, लेकिन यदि उसका प्रयोग किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाए, तो वह बुरा माना जाएगा। इसी प्रकार, मनुष्य की पहचान उसके कार्यों और सोच से होती है।
सोनीपत, (अजीत कुमार): राष्ट्र संत और मानव मिलन के संस्थापक, डॉ. मणिभद्र मुनि जी महाराज ने कहा कि आज के युग में लोग अच्छा बनने के बजाय अच्छा दिखने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने समझाया कि अच्छाई और बुराई केवल बाहरी विशेषताएँ नहीं हैं, बल्कि यह हमारी सोच और दृष्टिकोण का परिणाम हैं। कोई वस्तु या व्यक्ति अच्छा या बुरा नहीं होता, यह उसके उपयोग और सोच पर निर्भर करता है।
उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे चाकू का प्रयोग अगर भोजन बनाने के लिए हो, तो वह उपयोगी है, लेकिन यदि उसका प्रयोग किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाए, तो वह बुरा माना जाएगा। इसी प्रकार, मनुष्य की पहचान उसके कार्यों और सोच से होती है।
डॉ. मणिभद्र मुनि जी महाराज ने कहा कि आत्मीयता और प्रेम के माध्यम से व्यक्ति समाज में अच्छाई का प्रकाश फैला सकता है। उन्होंने जोर दिया कि बाहरी दिखावे के बजाय हमें अपने आंतरिक गुणों पर ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम के पश्चात 73 दिन के उपवास पर राजेंद्र वर्मा का पारणा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
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