सोनीपत: गौ सेवा की अनुकरणीय सकारात्मक पहल
रविवार को जो भी यहां पर घेवर खरीदने के लिए आए उन्हें मिठाई के साथ साथ फ्री में एक पौधा भी दिया जा रहा है। ताकि पौधारोपण से पर्यावरण को भी लाभ मिल सके। यहां से जो मिठाई खरीदी जाएंगी उससे जो भी कमाई होगी वह दान स्वरूप गौशाला को दी जाएगी।
- कोयले की 19 भट्ठियों पर बनेगा देसी घी के घेवर की मिठाई, सारी कमाई होगी गोशाला के नाम
- मिठाई की कमाई से अब तक करीब 60 लाख रुपए दे चुके गौशाला को
सोनीपत, (अजीत कुमार): खरखौदा में राजीव दीक्षित के विचारों से प्रेरणा लेकर शुद्धता पर काम करने वाले राकेश मलिक ने हवन यज्ञ व पूजा अर्चना के साथ सैदपुर गौशाला के सामने देसी घी व देसी खांड से बने घेवर व जलेबी कोयले की भट्ठी पर बनाने बेचने का काम शुरू किया।
रविवार को जो भी यहां पर घेवर खरीदने के लिए आए उन्हें मिठाई के साथ साथ फ्री में एक पौधा भी दिया जा रहा है। ताकि पौधारोपण से पर्यावरण को भी लाभ मिल सके। यहां से जो मिठाई खरीदी जाएंगी उससे जो भी कमाई होगी वह दान स्वरूप गौशाला को दी जाएगी। इस बार गौशाला को डेढ़ महीने में 12 लाख रुपए की राशि दान में देने का टारगेट है। पिछले सीजन में गौशाला को 11 लाख का दान मिठाई बेचने से आई कमाई में दिया था और अब तक गौशालाओं को करीब 60 लाख रुपए दान दे चुके हैं।
शुद्ध देसी घी व देसी खांड से बने घेवर व जलेबी के लोग दीवाने हो रहे हैं और इस मिठाई की मांग बढ़ रही है। पिछली बार ग्राहकों की संख्या अधिक होने के कारण जाम की स्थित बन जाती थी। इस बार 19 कोयले की भटि्ठयां लगाई गई है, कारीगरों की संख्या बढ़ाई गई है। ताकि हर ग्राहक को मिठाई लेने के लिए ज्यादा इंतजार ना करना पड़े। राकेश मलिक का कहना है कि उनकी मिठाई का मूल्य शहर की मिठाई से कम रखा गया है। शुद्ध सरसों के तेल में बने समोसे का मूल्य मात्र 5 रुपए रखा गया है। वे राजीव दीक्षित के शुद्धता के अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। ताकि कैमिकल से बचे रहे और मिलावटी मिठाईयों के प्रति लोगों को जागरूक कर सकें।
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