सोनीपत: कुण्डल गांव में जैव-विविधता जागरूकता कार्यक्रम; संरक्षण की महत्ता पर जोर
श्यो प्रसाद ने जैव-विविधता अधिनियम, 2002 की जानकारी देते हुए बताया कि यह कानून भारत में जैविक संसाधनों के संरक्षण और उनके सतत उपयोग से होने वाले लाभों के समान वितरण के लिए बनाया गया है।
सोनीपत, अजीत कुमार: हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड, पंचकूला के जिला समन्वयक श्यो प्रसाद ने गांव कुण्डल में सरपंच उषा देवी की अध्यक्षता में जैव-विविधता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में युवाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
श्यो प्रसाद ने जैव-विविधता अधिनियम, 2002 की जानकारी देते हुए बताया कि यह कानून भारत में जैविक संसाधनों के संरक्षण और उनके सतत उपयोग से होने वाले लाभों के समान वितरण के लिए बनाया गया है। राष्ट्रीय जैव-विविधता प्राधिकरण (एनबीए) की स्थापना 2003 में इस अधिनियम को लागू करने के लिए की गई थी। यह संस्था जैविक संसाधनों के उचित और टिकाऊ उपयोग के लिए सलाहकार और नियामक की भूमिका निभाती है।
उन्होंने वन्यजीव गलियारों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये गलियारे मानव गतिविधियों से अलग हुई वन्यजीव आबादी को जोड़ते हैं, जिससे प्रजनन और आनुवंशिक विविधता के संरक्षण में मदद मिलती है। साथ ही, उन्होंने जैव-विविधता के सौंदर्यात्मक और आर्थिक महत्व, जैसे पारिस्थितिकी पर्यटन, पक्षी दर्शन और बागवानी की भी चर्चा की।
कार्यक्रम के समापन पर सरपंच उषा देवी ने जिला समन्वयक श्यो प्रसाद और उपस्थित ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हिमांशु, प्रदीप, अंकित, राजकुमार समेत कई ग्रामीण उपस्थित रहे।
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