सोनीपत: एनसीआर में डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध का उद्योगपति विरोध करेंगे
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (क्यूसीएम) द्वारा डीजल जनरेटर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। आवश्यक सेवाओं को डीजल जनरेटर से चलाने की मिली छूट समाप्त कर दी गई है।
- हरियाणा की लगभग 35 एसोसिएशन के 125 से अधिक उद्योगपति कुंडली में शामिल होंगे
- 24 घंटे बिजली नहीं मिलने पर जनरेटर के बिना तो उत्पादन ठप हो जाएगा
सोनीपत: एनसीआर में एक अक्टूबर से डीजल जनरेटर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का उद्योगपति विरोध करेंगे इसके लिए एसोसिएसन ने 9 अगस्त को औद्योगिक क्षेत्र कुंडली बैठक बुलाई है।
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (क्यूसीएम) द्वारा डीजल जनरेटर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। आवश्यक सेवाओं को डीजल जनरेटर से चलाने की मिली छूट समाप्त कर दी गई है। श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के दौरान ऐसी सेवाओं को मिलने वाली छूट वापस ले ली गई है।
उद्योगपतियों का कहना है कि डीजल जनरेटर पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के निर्णय का विरोध करेंगे। कॉन्फेडरेशन ऑफ हरियाणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के तत्वावधान में प्रदेशभर के उद्योगपतियों की 9 अगस्त को कुंडली में सभा बुलाई गई है। हरियाणा की लगभग 35 एसोसिएशन के सवा सौ से अधिक उद्योगपति कुंडली एचएसआईआईडीसी स्थित सभागार में एकत्रित होंगे। इसमें उद्योगपति कई अहम फैसले लेंगे।
उद्योगपति कुंडली एसोसिएशन के सदस्य अजय जैन का कहना है कि उद्योगपतियों ने कहा कि जब सरकार उन्हें पूरी बिजली उपलब्ध नहीं करा रही है तो ऐसे में जनरेटर के बिना तो उत्पादन ठप हो जाएगा और उद्योग बंद हो जाएंगे। ऐसे में उद्योगपतियों को 24 घंटे बिजली मिले तो वह स्वयं ही डीजल जनरेटर नहीं चलाएंगे। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए सोनीपत के उद्योग जिम्मेदार नहीं हैं। प्रदूषण मापक यंत्र पर जब दिल्ली का एक्यूआई बेहद खतरनाक स्तर पर होता है तो सोनीपत में वह सामान्य होता है। सरकार व एनजीटी को इस पर फिर से विचार करना चाहिए। दिल्ली के प्रदूषण का असली कारण पता करना चाहिए।
राई औद्योगिक मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के प्रधान राकेश देवगन का कहना है कि बिजली संकट काफी प्रभावित कर रहा है। हर घंटे बिजली के कट लग रहे हैं। उद्योग काफी हद तक डीजल जनरेटर पर निर्भर रहते हैं। अगर जनरेटर पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो उद्योग-धंधे ठप हो जाएंगे। यही कारण है कि प्रदेशभर के उद्योगपतियों ने इन आदेशों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने का निर्णय लिया हैं। उद्योगपति 9 अगस्त को होने वाली सभा में कई बड़े फैसले ले सकते हैं। सरकार को चाहिए कि उद्योगों को राहत दे, न की उन्हें परेशान करे।
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