श्याम बेनेगल का निधन: भारतीय सिनेमा के युगपुरुष ने कहा अलविदा

फिल्मकार शेखर कपूर ने उन्हें "भारतीय सिनेमा का मार्गदर्शक" बताया, जबकि सुधीर मिश्रा ने उनके सिनेमा को "साधारण जीवन की कविता" करार दिया। अभिनेत्री इला अरुण ने कहा, "श्याम बेनेगल मेरे लिए गुरु और पिता समान थे।"

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मुंबई, अजीत कुमार: प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता श्याम बेनेगल का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने शाम 6:38 बजे मुंबई सेंट्रल के वोकहार्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी बेटी पिया बेनेगल ने बताया कि वे लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और दो साल से डायलिसिस पर थे। अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।

आर्ट सिनेमा के जनक और नई प्रतिभाओं के प्रेरक
श्याम बेनेगल को हिंदी सिनेमा में आर्ट सिनेमा का जनक माना जाता है। उन्होंने नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल जैसे दिग्गज कलाकारों को सिनेमा में स्थापित किया। उनकी कृतियों में “अंकुर,” “मंथन,” “जुबैदा,” और “नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटेन हीरो” जैसी फिल्में शामिल हैं।

सम्मान और उपलब्धियां
बेनेगल को 8 नेशनल अवॉर्ड, 1976 में पद्मश्री, 1991 में पद्मभूषण, और 2005 में भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने 24 फीचर फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 15 एड फिल्में बनाईं।

पहली फिल्म से आखिरी तक सामाजिक मुद्दों की छाप
श्याम बेनेगल की पहली फिल्म “अंकुर” (1974) आंध्र प्रदेश के किसानों के मुद्दों पर आधारित थी, जबकि उनकी आखिरी फिल्म “मुजीब – द मेकिंग ऑफ अ नेशन” (2023) बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की जिंदगी पर थी।

फिल्म जगत में शोक
फिल्मकार शेखर कपूर ने उन्हें “भारतीय सिनेमा का मार्गदर्शक” बताया, जबकि सुधीर मिश्रा ने उनके सिनेमा को “साधारण जीवन की कविता” करार दिया। अभिनेत्री इला अरुण ने कहा, “श्याम बेनेगल मेरे लिए गुरु और पिता समान थे।”

श्याम बेनेगल का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

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