संत निरंकारी मिशन: परमात्मा का वरदान जल है, इस अमृत की संभाल करें: सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन छत्रछाया में रविवार को अमृत प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्वच्छ जल, स्वच्छ मन परियोजना के द्वितीय चरण में यमुना नदी के गौरी घाट बागपत रोड, सोनीपत में निरंकारी सेवादल के भाई बहनों ने सोनीपत, गोहाना, बरोदा, महमूदपुर, गन्नौर, कुंडली, खरखौदा, फरमाणा, नाहरा, नाहरी के लगभग 4 हजार से अधिक सेवादल सदस्यों ने सफाई अभियान में समर्पित सेवाएं दी।
- संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के प्रोजेक्ट अमृत का 1533 स्थानों पर 11 लाख निरंकारी सेवादल सदस्यों ने सेवाएं
सोनीपत, (अजीत कुमार): संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के प्रोजेक्ट अमृत का शुभारंभ रविवार को सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य संदेश के साथ हुआ कि हमारे जीवन में जल का बहुत महत्व है और यह अमृत समान है। जल हमारे जीवन का मूल आधार है। सोनीपत के साथ भारत की 1533 स्थानों पर सेवा की गई।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन छत्रछाया में रविवार को अमृत प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्वच्छ जल, स्वच्छ मन परियोजना के द्वितीय चरण में यमुना नदी के गौरी घाट बागपत रोड, सोनीपत में निरंकारी सेवादल के भाई बहनों ने सोनीपत, गोहाना, बरोदा, महमूदपुर, गन्नौर, कुंडली, खरखौदा, फरमाणा, नाहरा, नाहरी के लगभग 4 हजार से अधिक सेवादल सदस्यों ने सफाई अभियान में समर्पित सेवाएं दी।
सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पवार ने कहा कि यह संत निरंकारी मिशन की यह अमृत परियोजना मानव जगत के लिए एक सकारात्मक पहल है। सोनीपत के मेयर निखिल मदान ने कहा कि क्षेत्र में सफाई अभियान चलाकर संत निरंकारी मिशन ने स्वच्छ जन स्वच्छ मन का जो संदेश दिया वास्तव में इसके लिए सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा है जो सभी हृदयों में सेवा का जज्बा दिया। क्षेत्रीय संचालक गुलशन खुराना, संचालक सूरज प्रकाश, संयोजक राजन छाबड़ा, राज कुमार तुल्ली, बहन मानसी मदान राजन गिल आदि शामिल रहे।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने दिव्य संदेश में कहा कि परमात्मा ने हमें यह जो स्वच्छ एवं सुंदर सृष्टि दी है, इसकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। मानव रूप में हमने ही इस अमूल्य धरोहर का दुरुपयोग करते हुए इसे प्रदूषित किया है। कण-कण में व्याप्त परमात्मा से जब हमारा नाता जुड़ता है और जब हम इसका आधार लेते है तब हम इसकी रचना के हर स्वरूप से प्रेम करने लगते है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि जब हम इस संसार से जाये तो इस धरा को और अधिक सुंदर रूप में छोड़कर जाये।
निरंकारी राजपिता रमित जी ने सतगुरु माता जी से पूर्व अपने संबोधन में कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी ने अपने जीवन से हमें यही प्रेरणा दी कि सेवा की भावना निष्काम रूप में होनी चाहिए न की किसी प्रसंशा की चाह में। हमें सेवा करते हुए उसके प्रदर्शन का शोर करने की बजाय उसकी मूल भावना पर केन्द्रित रहना चाहिए। हमारे आंतरिक बदलाव से ही समाज एवं दुनियां में परिवर्तन आ सकता है। एक स्वच्छ और निर्मल मन से ही सात्विक परिवर्तन का आरम्भ होता है।
संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान में बाबा हरदेव सिंह जी की अनंत सिखलाईयों से प्रेरणा लेते हुए प्रोजेक्ट अमृत परियोजना आओ संवारे, यमुना किनारे के मूल संदेश दिया गया। संत निरंकारी मण्डल के सचिव एवं समाज कल्याण प्रभारी जोगिन्दर सुखीजा ने बताया कि भारतवर्ष के 27 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के 1533 से अधिक स्थानों पर 11 लाख से भी अधिक स्वंय सेवकों ने अपनी सेवाएं दी हैं।
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