जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन: उपायुक्त मनोज कुमार ने मियावाकी पद्धति की सराहना की
इस प्रोग्राम में डॉ. संदीप गोयत, उप वन संरक्षक, ने बताया कि वन महोत्सव के उपलक्ष्य में शहर में प्रथम बार मियावाकी स्कीम लागू की जा रही है। इस पद्धति के प्रणेता जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी हैं, और इसके माध्यम से बहुत कम समय में जंगलों को घने जंगलों में परिवर्तित किया जा सकता है।
सोनीपत, (अजीत कुमार): वन विभाग सोनीपत द्वारा सिटी फॉरेस्ट, मुरथल में जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। इस कार्यक्रम में सोनीपत के उपायुक्त मनोज कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और पौधारोपण में भाग लिया। उन्होंने वन विभाग की मियावाकी पद्धति की सराहना करते हुए कहा कि इस विधि का प्रयोग कर घरों के आस-पास खाली पड़े स्थान को छोटे बगानों या जंगलों में बदला जा सकता है।
इस पद्धति में पौधों को एक दूसरे से कम दूरी पर लगाया जाता है, जिससे पौधे सूर्य का प्रकाश प्राप्त कर ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं, लेकिन सघनता के कारण नीचे उगने वाले खरपतवार को प्रकाश नहीं मिल पाता है। इससे पौधों की वृद्धि बेहतर होती है। उपायुक्त महोदय ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे अपने हिस्से का कम से कम एक पेड़ हर साल जरूर लगाएं और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ मुहीम से जुड़कर पौधारोपण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
इस प्रोग्राम में डॉ. संदीप गोयत, उप वन संरक्षक, ने बताया कि वन महोत्सव के उपलक्ष्य में शहर में प्रथम बार मियावाकी स्कीम लागू की जा रही है। इस पद्धति के प्रणेता जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी हैं, और इसके माध्यम से बहुत कम समय में जंगलों को घने जंगलों में परिवर्तित किया जा सकता है। इसके तहत ढाई एकड़ में सघन वन विकसित करने के लिए दस हजार पौधे लगाए जाएंगे, जिससे एक रिसर्च के अनुसार आने वाले समय में प्रतिदिन 230 लाख लीटर ऑक्सीजन मिल सकेगी। इसमें नीम, बाद, पीपल, शीशम, जामुन, अमरुद, अमलताश, सतावर, गुड़हल, बेरी आदि विभिन्न प्रजातियों के पेड़ शामिल हैं।
कार्यक्रम में उपायुक्त महोदय ने इको क्विज़ एवं पेंटिंग प्रतियोगिता में अग्रणी रहे बच्चों को और पर्यावरण के प्रति सराहनीय कार्य करने वाले लोगों और बीएमसी के सदस्यों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सुरेश पुनिया, एडिशनल डीएफओ सोनीपत, श्यो प्रसाद, जिला समन्वयक हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड पंचकूला, रेंज ऑफिसर सुनील कुमार, रेंज ऑफिसर राकेश गुलिया, डिप्टी रेंज ऑफिसर नरेश कुमार, डिप्टी रेंज ऑफिसर पवन मलिक, ब्लॉक ऑफिसर भगत सिंह, और अन्य वन विभाग के कर्मचारी तथा ग्रामीण जैसे प्रदीप, आज़ाद सिंह, रामनिवास आदि मौजूद रहे।
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