नई शिक्षा नीति: भारतीय शिक्षा और संस्कारों का पुनर्जागरण: डा. अरविंद शर्मा
स्वामी विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वामी विवेकानंद के विचारों का अक्षरश: पालन कर रहे हैं। मोदी सरकार चाहती है कि युवा नई सोच अपनाएं, जिससे देश की दिशा और दशा बदले।
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- मैकॉले पद्धति को बदलकर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाना पीएम मोदी की ऐतिहासिक पहल है
- बचपन से ही निखार लाने और गुरूकुलीय परंपरा को लागू करना हमारा लक्ष्य
सोनीपत, अजीत कुमार: सहकारिता, कारागार, विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) लागू कर लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति को पूरी तरह बदलने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। वैदिक काल में भारतीय गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था में शोध के लिए दुनिया भर से विद्वान आते थे। नई शिक्षा नीति भारतीयता, संस्कार, मूल्य और कौशल विकास पर आधारित बहुविषयक शिक्षा को बढ़ावा देती है, नई शिक्षा नीति: भारतीय शिक्षा और संस्कारों का पुनर्जागरण है जिससे भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा।
रविवार को दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में आयोजित सम्मेलन में डॉ. शर्मा ने सोनीपत, पानीपत और जींद जिलों के शिक्षकों व अभिभावकों को संबोधित किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वामी विवेकानंद के विचारों का अक्षरश: पालन कर रहे हैं। मोदी सरकार चाहती है कि युवा नई सोच अपनाएं, जिससे देश की दिशा और दशा बदले।
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डॉ. शर्मा ने कहा कि दशकों तक अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति ढोई गई, जिसमें विवेकशीलता और तार्किक शक्ति का अभाव था। नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को दबावमुक्त और रुचिकर शिक्षा दी जाएगी। यह नीति बच्चों की रुचियों और कौशल को पहचानकर उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करेगी। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी और शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा के नेतृत्व में इस नीति को गंभीरता से लागू किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने शिक्षाविदों से शिक्षा नीति को समझने और इसे बेहतर तरीके से लागू करने के सुझाव देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति युवाओं में विशेषज्ञता, संस्कार, सामाजिक व्यवहार और मूल्यों का सम्मान बढ़ाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य है कि हर भारतीय शिक्षित और संस्कारी बने। उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात करके चर्चा करेंगे कि हिंदी को दसवीं कक्षा तक अनिवार्य शिक्षा के तौर पर पढाया जाना चाहिए। ऑनलाइन कोर्सेज की संख्या बढानी चाहिए, प्रोफेशनल क्षेत्र में आगे बढ रहे युवाओं में रचनात्मक विकास को बढावा मिले।
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इस अवसर पर उच्चतर शिक्षा परिषद के चेयरमैन कैलाश चंद्र शर्मा, प्राथमिक शिक्षा निदेशक रिपुदमन सिंह ढिल्लों और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने अपने विचार सांझा किए। कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष जसबीर दोदवा, विधायक निखिल मदान, विधायक पवन खरखौदा और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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