माँ के लाल ने किया देश का नाम रोशन: मेरे बेटे सुधीर ने मेरे दूध का कर्ज चूका दिया : मां सुमित्रा
विकलांग होने के बाद में भी सुधीर ने गोल्ड मेडल जीता है। उनके साहस और काम के प्रति समपर्ण को लेकर दूसरेां को प्राेत्साहित करने के लिए बता रहे हैं।
- हमने पूरा मैच टीवी पर लाइव देखा बिल्कुल नींद नहीं आई हमें इतनी खुशी हुई: बलवान
सोनीपत/नरेंद्र शर्मा परवाना: बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पैरा-पावरलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक विजेता सुधीर के जीवन की कहानी उसके परिवार के सदस्यों की जुबानी सुनते हैं। विकलांग होने के बाद में भी सुधीर ने गोल्ड मेडल जीता है। उनके साहस और काम के प्रति समपर्ण को लेकर दूसरेां को प्राेत्साहित करने के लिए बता रहे हैं।
सुधीर के भाई जसवंत से सीधी बात
सुधीर भाई जसवंत ने बताया कि बचपन में ऐ इंजेक्शन लग गया था जिसकी वजह से भाई का एक पैर खराब हो गया था। उन्होंने अपनी मेहनत की जिसका आप यह परिणाम देख रहे हैं कि उन्होंने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता जिससे आपका देश का परिवार का गांव का हमारे हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन किया है।
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सवाल:- सुधीर कितने घंटे मेहनत करते थे उसके बारे में बताएं?
जवाब:- भाई खेतों काम किया, सुबह तीन घंटे प्रैक्टिस करने जाते थे और शाम को भी तीन घंटे के लिए प्रेक्टिस करने ग्राउंड पर जाते थे। उन्होंने अपना एक लक्ष्य बना लिया था कि राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है और उन्होंने अपना वादा पूरा किया।
सवाल:- खेलते समय उन्हें असहज महसूस किया आप उनके छोटे भाई हैं तो आप बेहतर जानते है?
जवाब:- नहीं ऐसा कभी नहीं हुआ वह हमेशा सकारात्मक सोचते हैं, जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव आए हैं लेकिन उन्होंने पावरलिफ्टिंग में मेहनत करनी शुरू की तो लगातार जीतते आ रहे हैं यह उनका आत्मविश्वास है।
सवाल:- आप कितने भाई बहन हैं?
जवाब:- सुधीर मेरा सबसे बड़ा भाई है और हम चार भाई हैं सुधीर, शक्ति जसवंत और साहिल है।
मेरे बेटे ने मेरे दूध का कर्ज चुका दिया : मां सुमित्रा
गोल्डन ब्वॉय पैरा पावरलिफ्टर सुधीर कुमार सुमित्रा ने कहा आज मेरे बेटे ने मेरे दूध का कर्ज चुका दिया मेरे बेटे ने देश के साथ-साथ अपने हरियाणा प्रदेश का अपने सोनीपत जिले का और पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया भगवान ने उसका साथ दिया। राज मोहन सिंह ने कहा देशवासियों के लिए यह गौरव का क्षण है। सुधीर और उसके कोच ने जो मेहनत की है आज कोच साहब को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। लगातार फोन आ रहे हैं व्हाट्सएप पर मैसेज आ रहे हैं और हमारे इष्ट मित्र साथियों ने समस्त देशवासियों में एक खुशी की लहर है।
हमारा गर्व से सीना चौड़ा कर दिया
सुधीर के चाचा सूरजभान ने कहा कि घर में बहुत खुशी का माहौल है। हमारा गर्व से सीना चौड़ा कर दिया है। सुधीर ने एक पैर से विकलांग होने के बावजूद भी कभी हार नहीं मानी। अबकी बार राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना सपने साकार करना है। परिवार बहुत खुश है अपने बेटे की उपलब्धि के लिए।
हम अपने शब्दों में जितना भी बोले
बलवान सिंह ने कहा हमने पूरा मैच टीवी पर लाइव देखा हमें बिल्कुल नींद नहीं आई हमें आज इतनी खुशी हो रही है मैच देखने के बाद बेहद खुशी हो रही है जिसका हम अपने शब्दों में जितना भी बोले वह कम है। आपको बता दूं कि यह तीन लोग थे दो बंदे इसकी साइकिल को लेकर जा रहे थे और सुधीर पैदल जा रहा था और जब सुधीर वेट उठा रहा था तो ऐसा लग रहा था कि बहुत आसानी के साथ उसने वेट को उठा दिया।
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