मथुरा: भगवान झूलेलाल की तपोभूमि देख अचम्भित हुए ब्रज के सिंधीजन; महाभारतकाल से है सांप की नंगली तपोभूमि का सम्बन्ध

मथुरा के सिंधीजन भी महाराज स्वामी पंडित मोहनलाल शर्मा जी के मार्गदर्शन में मंगलवार को पहलीबार झूलेलाल तपोभूमि पहुंचे और भगवान झूलेलाल की दिव्य अखंड ज्योति के दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना और आरती करके आयोलाल झूलेलाल के जयकारों संग गीत भजन गाए।

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मथुरा, (किशोर इसरानी): जो लोग ऐसा मानते हैं कि भगवान झूलेलाल सिंधी समाज के ईष्टदेव है, उनके लिए चौंकाने वाली खबर है कि हरियाणा का एक ऐसा गांव है जहां एक भी सिंधी परिवार नहीं है, वहां गुर्जर समाज वरूणावतार झूलेलाल का उपासक है।

मीडिया प्रभारी किशोर इसरानी ने बताया कि गुरूग्राम के सोहना में सांप की नंगली पहाड़ पर एक प्राचीन सिद्धपीठ श्री झूलेलाल वरुणदेव की तपोभूमि पावन नंगली धाम है, जो तीन सौ साल से भी ज्यादा पुराना है, लेकिन सिंधी समाज इससे अंजान था, किन्तु दो वर्ष पूर्व सोशल मीडिया पर झूलेलाल तपोभूमि की एक वीडियो वायरल होने के बाद धीरे धीरे सबको यह पता चला और तब से कई शहरों के सिंधीजन नंगली धाम पहुंच रहे हैं।

Mathura: Sindhi people of Braj were surprised to see the penance land of Lord Jhulelal; The snake's naked penance is related to the Mahabharata period.
मथुरा: भगवान झूलेलाल की तपोभूमि पर सिंधीजन।

मथुरा के सिंधीजन भी महाराज स्वामी पंडित मोहनलाल शर्मा जी के मार्गदर्शन में मंगलवार को पहलीबार झूलेलाल तपोभूमि पहुंचे और भगवान झूलेलाल की दिव्य अखंड ज्योति के दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना और आरती करके आयोलाल झूलेलाल के जयकारों संग गीत भजन गाए।

इस मौके पर सिद्धपीठ श्री झूलेलाल वरुणदेव की तपोभूमि पावन नंगली धाम के वर्तमान गद्दीश्वर लोकेश भगतजी का शॉल, पाटुका और माला पहनाकर आशीर्वाद प्राप्त किया, तदोपरांत उन्होंने तपोभूमि के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सांप की नंगली तपोभूमि का सम्बन्ध महाभारत काल से है, तब यह विशाल वन हुआ करता था, जिसमें गुरू द्रोणाचार्य अपने शिष्यों पांडवो एवं कौरवो को शिक्षा देते थे।

भगवान झूलेलाल ने सिंध प्रांत से अंतर्ध्यान होकर जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में काफी जगहों पर स्थानीय निवासियों को अपनी अनुभूति एवं दर्शन दिए और फिर इसी स्थान को वरूणावतार झूलेलाल ने तप के लिए चुना तब से यह नंगली धाम झूलेलाल तपोभूमि बन गई।

लोकेश भगतजी ने न केवल तपोभूमि से जुड़ी कहानी सुनाई बल्कि भगवान झूलेलाल के अनगिनत चमत्कारों के प्रसंग बताए जिसे सुन ब्रज से गए सिंधीजन अचम्भित हो गए। महाराज स्वामी पंडित मोहनलाल शर्मा के साथ तपोभूमि गए झामनदास नाथानी, रमेश नाथानी, किशोर इसरानी, गिरधारी नाथानी, अनिल मंगलानी, अशोक डाबरा, धनराज नाथानी, लेखराज काकू लछवानी, जितेंद्र भाटिया, गीता नाथानी, एडवोकेट अनिता चावला राखी भाटिया, पूनम शर्मा, ज्योति भाटिया, कंचन मंगलानी आदि सिंधीजन मंगलवार देर रात मथुरा लौट आए।

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