अलविदा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह: प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन; 21 तोपों की सलामी के राजकीय सम्मान के साथ विदाई, स्मारक पर राजनीति तेज

डॉ. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर, उनकी तीन बेटियां उपिंदर, दमन और अमृत निगमबोध घाट पर मौजूद रहीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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निगम बोध घाट, अजीत कुमार: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सेना की तोपगाड़ी पर उनके पार्थिव शरीर को घाट लाया गया, जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान डॉ. सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पहनाई गई, जो उनकी पहचान थी।

परिवार और नेताओं ने दी अंतिम विदाई
डॉ. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर, उनकी तीन बेटियां उपिंदर, दमन और अमृत निगमबोध घाट पर मौजूद रहीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अंतिम यात्रा: कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक
डॉ. सिंह की पार्थिव देह को सुबह 9:30 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई। राहुल गांधी इस दौरान पार्थिव देह के साथ गाड़ी में बैठे।

स्मारक को लेकर राजनीतिक विवाद
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि डॉ. सिंह का स्मारक राजघाट क्षेत्र में बनाया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और परिवार ने इस मांग को प्रमुखता दी। गृह मंत्रालय ने कहा कि अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट चुना गया है और स्मारक के लिए उचित स्थान की पहचान की जाएगी।

कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी
कांग्रेस: नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि डॉ. सिंह जैसे व्यक्तित्व के लिए स्मारक तय करने में देरी करना उनका अपमान है।
भाजपा: प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने डॉ. सिंह को कभी सम्मान नहीं दिया। भाजपा ने भरोसा दिलाया कि स्मारक के लिए प्रक्रिया जल्द पूरी होगी।

नेताओं की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव: पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान का पालन होना चाहिए।
संजय सिंह: सिख समाज के एकमात्र प्रधानमंत्री को राजघाट में स्थान न देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
सुखबीर सिंह बादल: स्मारक के लिए राजघाट स्थान उपयुक्त है।

पिछली परंपराएं और विवाद
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार राजघाट पर हुआ और उनका स्मारक वहीं बनाया गया। कांग्रेस ने स्मारक को लेकर मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अतीत की परंपराओं का पालन किया जाना चाहिए।

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान और विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री और सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले चौथे नेता थे।
उनके निधन पर देशभर में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।

राहुल गांधी ने उन्हें “मार्गदर्शक और गुरु” बताते हुए कहा कि उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।

देश ने खोया एक महान नेता
डॉ. सिंह की सादगी, निष्ठा और देश के प्रति समर्पण ने उन्हें राजनीति में एक अलग पहचान दी। उनका स्मारक न केवल उनके योगदान को सम्मानित करेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।

 

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