घाटा मेहंदीपुर बालाजी : घाटा मेहंदीपुर बाला जी जाने से पहले यह जरूर जानें

Title and between image Ad
  • इत्र या कोई भी खुशबू वहां क्यों नहीं लगाते 
  • मेहंदीपुर में बालाजी के दरबार का प्रसाद घर पर क्यों नहीं लेकर आते 
  • बालाजी की छाती में छेद का क्या रहस्य है 
  • वहां भोग तीन जगह लगाने का क्या रहस्य है

पूरे ब्रह्मांड के अंदर दिव्य शक्तियों
की मान्यता हिंदू धर्म के अंदर है और भारत के जितने भी देवी देवता पित्र गण रिद्धि सिद्धि जंत्र मंत्र तंत्र करने वाले हैं। सभी राम भक्त हनुमान की पूजा करते हैं और हनुमान एक ऐसी शक्ति हैं जो शक्तिपुंज हैं जो भक्ति की एक अनोखी मिसाल हैं जो सेवा का पर्याय हैं जो समर्पण का खुद एक अध्याय हैं। ऐसा माना जाता है कि इस ब्रह्मांड के अंदर कोई भी किसी भी तरह का रोग विकार दुख तकलीफ़ व्याधि आदि है चाहे वह भूत प्रेत पिशाच जिस किसी भी वजह से है। उन सब से मुक्ति दिलाने वाले महाबली हनुमान हैं जो संकट काटते हैं और इन्हीं की बाल अवस्था का स्वरूप घाटा मेहंदीपुर में दो पहाड़ों के बीच स्थित बालाजी धाम है। यही वह पावन धरा है। यही वह पवित्र स्थल है, जहां पर है लोग जाते हैं। अपने समस्याओं के समाधान को पाते हैं। राजेश पहलवान पुरखासिया ,कृष्ण गुलिया और विनय वर्मा बाला जी  यात्रा के दौरान साथ रहे।

gjd newsआइए उस स्थान के बारे में, वहां की मान्यता मर्यादाओं के संदर्भ में जानते हैं और हमारे साथ में विद्वान उमाशंकर गॉड हमें इन सवालों के जवाब दे रहे हैं,तो आइए विस्तार से आप भी जानिए।
सवाल:-मेहंदीपुर बाला जी का नाम घाटे वाला क्यों पड़ा? 
जवाब:- मेहंदीपुर बाला जी घाटे वाले बालाजी इसलिए पड़ा क्योंकि यह दो घाटियों के मध्य स्थित है।  इस वजह से घाटे वाले बाबा कहा जाता है। ये भी कहा जाता है कि बाबा सबके घाटे पूरे करता है। लेकिन जो सच्चाई है वही है क्योंकि यह दोनों पहाडों के बीच के घाट में स्थित है।

gjd news

सवाल:- यहां लोगों की श्रद्धा का मुख्य कारण क्या है?
जवाब:-  लोगों की श्रद्धा का मुख्य कारण यहां सबसे पहले तो तंत्र मंत्र से मुक्ति मिलती है जो पूर्व जन्मों में किए हुए कर्मों की वजह से मनुष्य के साथ मिल जाती हैं , हिंदुओं के अनुसार यह तंत्र मंत्र भूत पिशाच की वजह से जो असाध्य बीमारियां शरीर में होती हैं उनको ठीक होते देखा गया है।
एक और बड़ी खास बात इसमें यह है कि जो निसंतान लोग हैं जिन्हें डॉक्टर ने मना कर दिया है कि आप माता-पिता नहीं बन सकते हैं उन लोगों की झोली भरने का काम दैवी शक्ति बालाजी महाराज  मेहंदीपुर वाले ने किया है। इसीलिए लोगों की आस्था का केंद्र मेहंदीपुर बालाजी बना है।
gjd news

वजन घटाएं या बढ़ाएं अपने आपको स्वस्थ बनाएं

नाम:- अजीत कुमार
📲 7056267530
Website:- 
WWW.NUTRITIONLIFESTYLE.IN

सवाल:- हमारा विज्ञान यह कहता है कि भूत प्रेत नाम का कोई औचित्य नहीं है तो इसे हम किस प्रकार से स्वीकार करते हैं कि यहां भूत-प्रेत जंत्र- मंत्र- तंत्र का प्रयोग होता है?

जवाब:- सबसे पहले मैं आपको विज्ञान क्लियर करता हूं। जानिए विज्ञान क्या है? विज्ञान जो कहता है, वह क्या है? इसके बारे में मैं आपको छोटी सी बात बताता हूं जितना आधुनिक विज्ञान है।

 

 वह सारा कैलकुलेशन के आधार पर निर्धारित है, क्योंकि विज्ञान के अंदर फार्मूले होते हैं। वह एक कैलकुलेशन है। किसी भी कैलकुलेशन को समझाने के लिए उपयोग करने के लिए जो फार्मूला होता है उसको बोलते हैं हम थ्योरम जैसे पाइथागोरस थ्योरम होती थी जो हमें मैथ में हमारे अध्यापक पढ़ाते थे। इसके आधार पर यह निर्धारित किया जाता था कि यह सही है या गलत है। जब भी हम किसी उनको हल करना शुरू करते हैं तो उसमें लिखते हैं कि मान लीजिए हमने स्वीकार कर लिया X1 है और Y2 है उसके बाद उसमें हम फार्मूला लगाते हैं और अंत में हम लिखते हैं हेंस प्रूड। देखा जिस प्रश्न में हमने माना है, अजूम किया है। उसकी कैलकुलेशन पूर्ण कैसे हो सकती है। सिद्ध कैसे हो सकती है।

 

 दूसरी बात जितने ध्यान से हमने गुणा भाग करने  से मान लिया कि x=1 और y=2 अगर उतने ही प्रभाव से हम भगवान को इन शक्तियों को मानेंगे तो जैसे वहां पर हंस प्रूड के रिजल्ट आते हैं तो यहां पर भी हंस प्रूड के रिजल्ट आते हैं।
gjd news
सवाल:- जब हम बालाजी के मंदिर में प्रवेश करते हैं तो वहां कितने स्थान हैं जहां पूजा के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं उसके बारे में बताइए?
जवाब:- देखिए यहां सबसे पहले श्री बालाजी महाराज की पूजा होती है। बालाजी के साथ में यहां भैरव जी दो रूप में विराजमान है एक भैरव महाराज और एक कोतवाल कप्तान जी महाराज और तीसरी जो पूजा है यहां पर प्रेतराज सरकार जी की है प्रेतराज सरकार की पूजा करने के बाद वहां पर पूजा दीवान जी सरकार की की जाती है देवराज सरकार जो कि प्रेतराज सरकार के दीवान है और उसके बाद में जो बालाजी महाराज के महंत श्री गणेश पुरी जी महाराज जिन्हें समाधि वाले बाबा जी के नाम से जाना जाता है। जिनके पुण्य प्रताप से जिनके तप के कारण आज यह पुष्प खिला हुआ है फिर उनकी पूजा की जाती है।

gjd news

सवाल:- गणेश पुरी जी महाराज के पास में जाना क्यों जरूरी होता है जबकि भक्तों ने तो बालाजी को पूज लिया?
जवाब:- देखिए जैसे श्री रामचंद्र जी महाराज के अनन्य भक्त हनुमान जी महाराज हैं। हनुमान जी के अनन्य विनय को श्री रामचंद्र जी महाराज मना नहीं करते हैं, इसी प्रकार से हनुमान जी के परम भक्त श्री गणेश जी महाराज हुए। भक्त समाधि वाले बाबा के पास में जाकर अपनी फरियाद करते हैं। बालाजी महाराज के यहां पर फरियाद गलती से नहीं सुनी गई हो गणेश पुरी जी महाराज उस फरियाद को सुने और हनुमान जी महाराज के चरणों में निवेदन रखें।
gjd news
सवाल:- पूजा के कितने प्रकार हैं किस तरीके से प्रसाद देते हैं और किस प्रकार की वहां पर पूजा होती है?
जवाब:- वहां पर पूजा का कोई विधान नहीं है। वह एक कर्म स्थली है। वह अलग अलग तरीके से कर्म किए जाते हैं। पूजा नहीं की जाती। पूजा करने का एक अलग अर्थ होता है। वहां पर भक्तजन परेशानियों को दूर करने के लिए जाते हैं। उनके लिए कर्म किया जाता है।
सबसे पहले दरखास्त लगाई जाती है बालाजी महाराज हम आपकी शरण में आ गए हैं। हमारी हाजिरी स्वीकार करो उसके बाद एक अरदास बालाजी महाराज के चरणो में लगाई जाती है। उसमें कोई भी व्यक्ति अपने दो प्रश्न रख सकता है। उसके बाद अगर किसी व्यक्ति को कोई संकट है। भूत प्रेत से कोई परेशानी है या कोई उसकी मनोकामना है। उसके लिए अरदास लगाई जाती है। वहां पर अर्जी और एक अर्जी में एक ही काम बताया जाता है और अर्जी को स्वीकार करने की दरखास्त दोबारा लगाई जाती है। यह श्री बालाजी के दरबार का नियम है।
उसके बाद में जिस तरह के केस होते हैं जिस तरह का तंत्र मंत्र उन पर किया जाता है अलग-अलग भैरव जी प्रेतराज सरकार के भोग दिए जाते हैं।

 

gjd newsसवाल:- अच्छा यह अर्जी और दरखास्त क्या दोनों में अंतर है?
जवाब:- जी हां बिल्कुल दोनों में अंतर है। दरखास्त का मतलब है एक एप्लीकेशन जो बालाजी महाराज के चरणों में लगा दी गई। आप इसको अर्जी का छोटा स्वरूप कह सकते हो अर्जी का मतलब है अपने केस को एक तरह से रजिस्टर्ड करवाना दरखास्त का मतलब है कि जहां पर आप गए वहां पर आपकी हाजिरी लग गई आपकी बात खत्म हो गई अगर कोई हमें बड़ा काम करवाना है तो उसके लिए हमें अर्जी लगानी पड़ती है।
दरखास्त में एक बेसिक फर्क एक और भी है पहले सवा ₹2 की दरखास्त लगती थी फिर ₹5 की दरखास्त लगती थी अब ₹11 की दरखास्त लगती है और अर्जी पहले ₹81 की लगती थी फिर ₹181 की लगती थी अब ₹281 की लगती है दरखास्त के अंदर बालाजी के पांच छोटे-छोटे लड्डू और पांच पतासे दिये जाते हैं अर्जी के अंदर सवा किलो देसी घी के लड्डू बालाजी महाराज के लिए ढाई किलो या सवा 2 किलो के करीब उबले हुए  उड़द साबुत काले वह श्री भैरव जी महाराज के लिए और  साढे 4 किलो चावल श्री प्रेतराज सरकार के लिए यह अर्जी होती है।
gjd news
सवाल:- बालाजी महाराज की बाई छाती के अंदर छेद बताया जाता है क्या यह वास्तव में है ऐसा?
जवाब:- जी हां बाला जी महाराज ने सन 1985 में अपना चोला बदला था। चोले का मतलब उनका जो सोने चांदी का चोला चढ़ाया जाता है, वह चोला उन्हें नित चढ़ता है। यह मंदिर में स्थापित था उसके बाद सन् 1985 हालांकि मुझे सन पक्का याद नहीं है लेकिन इसके आसपास ही उसके बाद से यह चोला चढ़ना शुरू हो गया था। इतने नित्य चोले चढ़ने के बाद भी वहां से एक बूंद बूंद करके जो जल है वह रिश्ता रहता है इतने चोले चढ़ने के बाद भी वह बंद नहीं हुआ।
बताते हैं कि एक बार किसी राजा ने वहां उसकी खुदाई भी करके देखनी चाहिए थी। उस मूर्ति के नीचे काफी हद तक खोदते चले गए थे।  यह मूर्ति जिस पहाड़ में निकली हुई है उसका कोई अंत ही नजर नहीं आया तो फिर उन्होंने उसको दोबारा से बंद कर दिया। बालाजी की मूर्ति के पीछे पहाड़ है, उस स्थान पर कोई सरोवर नहीं है कोई झील नहीं है। कोई तालाब नहीं है कुछ नहीं है और वहां पर जल कैसे आता है यह तो मालिक ही जाने।

gjd news

सवाल:- अच्छा यह बताइए बालाजी को लड्डू भैरव जी को उड़द और प्रेतराज को चावल चढ़ाने का महत्व क्या है इसका अर्थ क्या है?
जवाब:- अलग अलग चीज होती है। जब हमारे हिंदू समाज के अंदर जब पूजा की जाती है तो इस तरह उसी के अनुसार उनके भोजन की व्याख्या हमारे शास्त्रों में की हुई थी। बालाजी महाराज के लड्डू प्रिय हैं, तो लड्डू चढ़ाए जाते हैं, बालाजी महाराज और गणेश जी महाराज के दोनों के लड्डू प्रिय हैं। उसके बाद भैरव जी महाराज को उड़द की पूजा ही विशेष है कभी से ही आप कहीं भी चले जाएं वहां पर इसी तरह की होती है। चाहे आप हिंदुस्तान में कहीं भी जाएं वहां पर उड़द  से बने हुए पदार्थ जैसे इमरती हो गई या गुलदाना हो गया यह भैरव जी महाराज को अर्पित किए जाते हैं। रह गए हमारे प्रेतराज सरकार हमारे शास्त्रों में पहले से ही लिखा हुआ है कि जब भी हम कोई मृतक कर्म करते हैं, उसके अंदर चावल के आटे का प्रयोग ही किया जाता है।

gjd news

सवाल:- हां तो यहां पर किसी भी प्रकार के खानपान का कोई परहेज करना पड़ता है?
जवाब:- जी बिल्कुल करना पड़ता है, जो श्रद्धालु वहां पर जाते हैं उनके लिए विशेष तौर पर है कि 40 दिन तक प्याज और लहसुन बिल्कुल बंद होता है।  शराब मीट मांस का प्रयोग कभी नहीं होता और 41 दिन के बाद में शनिवार मंगलवार और अमावस पूर्णमासी यह दिन ऐसे होते हैं जिन पर प्याज लहसुन का प्रयोग बंद किया जाता है।
gjd news
सवाल:-  ऐसा क्या कारण है कि वहां पर दो स्वरूप में प्रसाद चढ़ता है जिसमें दरखास्त का अलग है अर्जी का अलग है ऐसा क्यों?
जवाब:- पहली बात तो यह प्रसाद नहीं है, यह होता है भोग। उसमें से आप कुछ भी ग्रहण नहीं करते हो, उसमें से आपको अंश मात्र ही मिलता है जो दरखास लगाता है, वही वह उस अंश को ग्रहण नहीं कर सकता है। चाहे वह पति पत्नी ही क्यों ना हो, चाहे वह संतान ही क्यों ना हो।

gjd news

सवाल:- जो प्रसाद हम खाते हैं, लेकिन ऐसा क्या कारण है कि वहां पर बालाजी मंदिर से अपने घर श्रद्धालु प्रसाद को लेकर नहीं आ सकते?
जवाब:- जी हां कारण विशेष यह है कि पहली बात बालाजी महाराज पर उस स्थान विशेष पर कोई प्रसाद चढ़ता ही नहीं है। वहां केवल बालाजी महाराज पर भोग दिया जाता है। और मैंने जैसे आपको पहले ही बताया कि वह कोई पूजा का स्थान नहीं है, दर्शन कर सकते हैं। आप कर्म करते हैं तो कर्म का स्थान पूजा के लिए दुनिया भर के मंदिर हैं। आप वहां जाते हैं । देवी देवताओं की पूजा की जाती है। लेकिन बालाजी महाराज पर पूजा कारणों की करी जाती है और उन कारणों का समाधान करने के लिए कर्म किए जाते हैं तो प्रसाद बालाजी महाराज पर चढ़ता ही नहीं है वहां सिर्फ एक प्रसाद चढ़ता है, वह सवामणी कहलाता है। जिसका काम पूरा होने पर श्रद्धालु अपनी श्रद्धा से सवामणी लगाता है और जो कार्य पूरा होने के बाद सवामणी लगाई जाती है। वह सवामणी जो आपके साथ में गए हुए हैं उनके लिए ही वितरित की जाती है। बचा हुआ प्रसाद बालाजी मंदिर में महाराज जी की स्वीकृति लेने के बाद में उस स्थान से बाहर भेजा जाता था। इसकी व्यवस्था इसलिये की गई है जो 5 किलोमीटर का एरिया है वह प्रतिबंधित एरिया है।
प्रतिबंधित एरिया में भूत पिशाच रहते हैं तो ऐसा माना जाता है। उस प्रसाद के साथ में भूत पिशाच साथ में व्यक्ति के साथ चले जाते हैं। जो उन्हें बाद में परेशान करते हैं। इसलिए वहां पर कोई भी खाने पीने का सामान नहीं लाया जाता है।

gjd news

सवाल:- यहां पर जो हम बालाजी का मंदिर देखते हैं उसके साथ में श्री राम का मंदिर है यह शुरुआत से ही है या इसकी कोई व्यवस्था बाद में की गई है?
जवाब:- यह बाद में बना है संयोग से नहीं है श्री रामचंद्र जी और श्री बालाजी महाराज के मंदिर और मंदिरों में जो उनकी स्थापना है वह इस तरीके से की गई है कि बालाजी महाराज की दृष्टि सदैव श्री राम के चरणों तक पहुंचे बिल्कुल आमने-सामने हैं।
श्री बालाजी महाराज की मूर्ति पीपल के वृक्ष के नीचे होते थी जहां प्रेतराज महाराज और बालाजी के बीच में एक पीपल का वृक्ष होता था और श्री रामचंद्र की मूर्ति भी पीपल के वृक्ष के नीचे थी मैंने वह दोनों पीपल देखे हुए हैं।

gjd news

सवाल:- वहां पर ऐसा सुनने में आता है बालाजी मंदिर है वह 2 जिलों के बीच में बटा हुआ है क्या यह बात सही है?
जवाब:- जी हां यह जो बालाजी महाराज का दाया हिस्सा जो है वह दौसा जिले में और जो बाया हिस्सा है वह करौली जिले में है मंदिर भी और बालाजी महाराज का स्वरुप भी स्थापित है।

 

सवाल:- फिर तो यहां पर कई बार हास्यास्पद स्थिति पैदा हो जाती होगी?
जवाब:- जी हां जैसे करोना कॉल में ऐसा हुआ था कि दौसा से उन्हें परमिशन मिल गई थी मंदिर खोलने के लिए लेकिन किरौली के डीएम ने आकर फिर से उसे बंद करा दिया तो वहां पर जो सामाजिक कार्य हैं और जो वहां के सौंदर्य के जो कार्य हैं इसी वजह से प्रभावित होते हैं। क्योंकि उन्हें दोनों जिलों के डीएम से स्वीकृति लेनी होती है।

gjd news

सवाल:- इसके सामने जो मंदिर है जो बालाजी का और उसके सामने कुछ पहाड़ियां हैं तीन पहाड़ हैं उनके बारे में कुछ जानकारी है आपके पास में?
जवाब:- तीन पहाड़ शक्तिस्थल हैं। श्री बालाजी महाराज के मंदिर के सामने है। पहले पहाड़ के ऊपर सबसे पहले शिव जी का मंदिर है। जहां पर शिव परिवार की पूजा करके वहां पर अपने पितरों की शक्ति के लिए प्रार्थना की जाती है।

 

दूसरे पहाड़ के ऊपर प्राचीन समय से मां महाकाली का एक मंदिर है, वहां पर भूत प्रेत पिशाच आदि के बंधन काटे जाते हैं।
 तीन पहाड़ है वहां पर पंचमुखी हनुमान जी उनके साथ में श्री भैरव जी मां मनसा मां काली और महाकाल श्मशान जी भैरव महाराज इन सभी के वहां पर स्थान हैं। अब उसके बाद में वहां पर सिद्ध गुरु गोरखनाथ जी महाराज का भी स्थान बना दिया गया है। और उसके बाद में कोतवाल कप्तान जी का भी स्थान बनाया गया है।

 

जब वहां से वापस नीचे उतरते हैं तो मार्ग में प्राचीन घाटे वाले बाबा का मंदिर श्री हनुमान जी का मंदिर है। यह कहते हैं कि जितनी भी आप दर्शन कर लो जब आप वहां पर जाओगे तो शरीर में एक नई स्फूर्ति आ जाती है आनंद की अनुभूति होती है।

 

सवाल:- जो बालाजी मंदिर है पौराणिक है या यह भी अभी बनाया गया है?
जवाब:- यह पौराणिक मंदिर है और यहां पर पौराणिक मंदिर का जो स्थान है श्री बालाजी महाराज का ही है।

 

सवाल:- जो पहाड़ों के ऊपर जो मंदिर बने गए हैं जो स्थान बने हैं वह कब बनाए गए हैं पुराने हैं या अभी बने हैं?
जवाब:- नहीं यह सभी स्थान नए बनाए गए हैं वहां केवल श्री भैरव जी महाराज का स्थान था जिसमें के आसपास के ग्रामीण उनकी पूजा करने के लिए जाते थे।

gjd news

सवाल:- शुक्रिया उमा शंकर गौड़ जी आपने बहुत बेहतरीन जानकारी हमें दी है आप अंतिम में कोई ऐसी विशेष बात बताना चाहते हैं संक्षिप्त में हमारे पाठकों को बताएं?
जवाब:- यह एक विशिष्ट स्थान है और उस स्थान के ऊपर मनोरंजन के लिए कभी नहीं जाना चाहिए। वहां पर काम में प्रयोग किए जाते हैं। वहां पर जा कर के वहां की जो नीति और नियम है उनका पालन जरूर करना चाहिए। अगर वहां पर उनका अनुपालन नहीं किया जाता तो व्यक्ति परेशानी में आ सकता है। सावधानी जाने वाले व्यक्तियों को जरूर चाहिए।

 

सवाल:- ऐसा सुनने में आता है कि वहां पर किसी प्रकार की जो खुशबू और लगा कर के ना जाए इसका क्या कारण क्या है?
जवाब:- क्योंकि हिंदू धर्म के अंदर ऐसा माना जाता है कि खुशबू या किसी प्रकार का सौंदर्य प्रसाधन यह नकारात्मक चीजों को आकर्षित करते हैं भूत प्रेत पिशाच इत्यादि को अपनी ओर आकर्षित करते हैं इसके तहत जो बालाजी महाराज के वहां पर नियम होते थे जो संकटग्रस्त व्यक्ति होता था। उसके खानपान का बड़ा विशेष होता था कि वह छोंक लगाई हुई सब्जी नहीं खा सकता था। केवल पानी में हल्दी नमक मिर्च मिलाकर के उसको खा सकता था। और सूखी रोटी खा सकता था। अब तो हालात बदल गए हैं। होटल, धर्मशाला  की व्यवस्था हो चुकी है तो लोग खा लेते हैं जिन्हें ज्ञान नहीं है। वहां पर हर वह चीज प्रतिबंधित है, जो भूत प्रेत इत्यादि को अपनी ओर आकर्षित करती है या भूत प्रेत से उनकी ताकत बढ़ती हो। 

Gyanjyotidarpan.com पर पढ़े ताज़ा व्यापार समाचार (Business News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट ज्ञान ज्योति दर्पण पर पढ़ें।
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े Gyan Jyoti Darpan

Connect with us on social media
40 Comments
  1. Jefferey Lockie says

    Way cool, some valid points! I appreciate you making this article available, the rest of the site is also high quality. Have a fun.

  2. Fresh SEO Winnipeg says

    Hello there, simply changed into aware of your blog via Google, and located that it’s really informative. I’m gonna watch out for brussels. I will be grateful when you proceed this in future. Many people will be benefited out of your writing. Cheers!

  3. zomenoferidov says

    Yeah bookmaking this wasn’t a speculative decision great post! .

  4. extremely low airfares says

    I just could not leave your website prior to suggesting that I
    extremely enjoyed the usual information an individual supply
    in your visitors? Is going to be again often in order to check out new posts

  5. Very good information. Lucky me I recently found your website by accident (stumbleupon).

    I have book-marked it for later!

  6. cheap tickets cheap flights says

    It is appropriate time to make some plans for the future and it is time to be happy.

    I’ve read this post and if I may I wish to suggest you some fascinating
    things or advice. Maybe you could write next articles referring to this article.

    I desire to learn more things about it!

  7. If you are going for most excellent contents like I do, just go to see this site daily for the reason that
    it presents feature contents, thanks

  8. affordable airfare says

    Thanks for your marvelous posting! I seriously enjoyed reading it, you
    could be a great author.I will always bookmark your blog and definitely will come back
    very soon. I want to encourage you to ultimately continue your great
    work, have a nice holiday weekend!

  9. cheap airline ticket says

    Nice response in return of this question with real
    arguments and describing all on the topic of that.

  10. Kairon Frazier says

    Outstanding read, I just passed this onto a friend who was doing a little study on that. And he actually bought me lunch because I located it for him smile So let me rephrase that: Thanks for lunch!

  11. genuine hackers for hire says

    I like this site so much, saved to fav. “To hold a pen is to be at war.” by Francois Marie Arouet Voltaire.

  12. trusted hackers for hire says

    Thank you for the sensible critique. Me and my neighbor were just preparing to do a little research on this. We got a grab a book from our area library but I think I learned more clear from this post. I’m very glad to see such excellent info being shared freely out there.

  13. zorivare worilon says

    I will right away seize your rss feed as I can’t find your e-mail subscription hyperlink or newsletter service. Do you’ve any? Kindly let me know in order that I could subscribe. Thanks.

  14. Crawley dating says

    560284 374014Great website. A lot of useful information here. 691311

  15. sbo says

    823535 561833Im not sure exactly why but this web web site is loading incredibly slow for me. Is anyone else having this problem or is it a issue on my finish? Ill check back later and see if the dilemma still exists. 635707

  16. maxbet says

    949371 127687I really like the look of your web site. I recently built mine and I was searching for some style ideas and you gave me a few. Might I ask you whether you developed the web site by youself? 741092

  17. maxbet says

    458919 314966Wow actually glad i came across your internet web site, i??ll be sure to visit back now i??ve bookmarked it??. 32056

  18. marizon ilogert says

    My wife and i ended up being absolutely lucky when Emmanuel could complete his analysis out of the ideas he obtained while using the web page. It is now and again perplexing to simply possibly be giving out ideas which other people might have been selling. Therefore we remember we have you to thank for this. All of the illustrations you’ve made, the easy blog navigation, the relationships your site give support to promote – it’s mostly overwhelming, and it is facilitating our son and our family believe that the concept is interesting, which is tremendously fundamental. Thank you for all the pieces!

  19. 292964 966772I really got into this write-up. I found it to be interesting and loaded with exclusive points of interest. I like to read material that makes me think. Thank you for writing this excellent content. 464837

  20. zmozero teriloren says

    I really appreciate this post. I¦ve been looking all over for this! Thank goodness I found it on Bing. You’ve made my day! Thx again

  21. Thanks , I have recently been looking for information approximately this topic for a while and yours is the greatest I’ve found out so far. However, what in regards to the conclusion? Are you certain concerning the source?

  22. Good day! Do you know if they make any plugins to assist with SEO? I’m trying to get my blog to rank for some targeted keywords but I’m not seeing very good gains. If you know of any please share. Thanks!

  23. Glad to be one of several visitors on this awing site : D.

  24. I like this website very much so much good information.

  25. I loved as much as you will receive performed proper here. The cartoon is tasteful, your authored material stylish. nonetheless, you command get got an edginess over that you wish be turning in the following. in poor health undoubtedly come more before again as precisely the same just about a lot steadily inside case you shield this increase.

  26. sbobet says

    800139 488636Which is some inspirational stuff. Never knew that opinions may well be this varied. Thank you for all of the enthusiasm to provide such helpful info here. 972962

  27. of course like your web-site but you need to check the spelling on several of your posts. Several of them are rife with spelling problems and I find it very troublesome to tell the truth nevertheless I’ll certainly come back again.

  28. I truly value your piece of work, Great post.

  29. Fantastic website. A lot of helpful info here. I’m sending it to several buddies ans additionally sharing in delicious. And naturally, thank you in your sweat!

  30. I love your blog.. very nice colors & theme. Did you make this website yourself or did you hire someone to do it for you? Plz answer back as I’m looking to construct my own blog and would like to find out where u got this from. thanks a lot

  31. Hi, i believe that i saw you visited my website so i came to “return the prefer”.I’m trying to find issues to improve my web site!I suppose its good enough to use some of your ideas!!

  32. I love your writing style genuinely enjoying this website .

  33. I’d have to check with you here. Which is not one thing I normally do! I take pleasure in reading a put up that will make people think. Additionally, thanks for allowing me to comment!

  34. jettes un coup d'oeil à says

    246112 918963i would need to make more christmas cards becuase next month is december already- 785032

  35. zoritoler imol says

    Great post. I am facing a couple of these problems.

  36. fantastic submit, very informative. I ponder why the opposite experts of this sector don’t notice this. You should proceed your writing. I am confident, you’ve a great readers’ base already!

Comments are closed.