राम भगत शर्मा की कलम से: महादेव ने नटेश्वर और गणेश जी ने नटेश बन कर कालप्रीत के अज्ञानता के अंधकार को किया दूर
मेरा मानना है कि जिस प्रकार से काशी के रहने वाले काल प्रीत एक बन्द अंधेरे कमरे में भगवान शिव का ही निरन्तर जाप करता रहता था और उसको इस बाहरी संसार से कुछ भी लेना देना और सरोकार नहीं था।
चंडीगढ़: जीवन में जिस किसी को भी सर्वेश्वरदयाल परमात्मा के नाम की लगन लग गई है उसके ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं और ऐसे परम भक्त को इस सांसारिक रुपी मोह माया के जाल से सहज रूप से ही विरक्ति होने लगती है और ऐसे भक्त का भाग्य उदय होना शुरू हो जाता है।
ऐसे परम भक्त के स्वभाव जहां परिवर्तन आना शुरू हो जाता है वहीं उसके मन में आध्यात्मिकता की ज्योति प्रज्ज्वलित हो जाती है और उसके स्वभाव में भी आमूल चूल परिवर्तन आने लगता है और वह भक्त अपने प्रभु तक ही सिमट कर रह जाता है और फिर ऐसे भक्त का पुण्य उदय होना शुरू हो जाता है तथा उसे शिवत्व का बोध होने लगता है।
मेरा मानना है कि जिस प्रकार से काशी के रहने वाले काल प्रीत एक बन्द अंधेरे कमरे में भगवान शिव का ही निरन्तर जाप करता रहता था और उसको इस बाहरी संसार से कुछ भी लेना देना और सरोकार नहीं था। यहां तक कि वह मनुष्य की परछाईं से भी डरने लगा था और काल प्रीत के माता-पिता को इसकी चिंता सताने लगी थी क्योंकि उसके माता-पिता उसका यज्ञोपवीत संस्कार करना चाहते थे जिसके लिए वह बिल्कुल भी तैयार नहीं था। लेकिन महादेव ने नटेश्वर और गणेश जी ने नटेश बन कर कालप्रीत के अज्ञानता के अंधकार को दूर किया।
जिस प्रकार से काल प्रीत के माता पिता को इसकी चिंता सताने लगी क्योंकि वह उसका यज्ञोपवीत संस्कार करना चाहते थे जिसके लिए काल प्रीत तैयार नहीं था। महादेव अपने इस भक्त की नकारात्मकता को दूर करना चाहते थे ।इसलिए महादेव नटेश्वर और गणेश जी नटेश बन कर काल प्रीत को अज्ञानता के अन्धकार से मुक्त करने में सफल रहे।
राम भगत शर्मा, चंडीगढ़
Gyanjyotidarpan.com पर पढ़े ताज़ा व्यापार समाचार (Business News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट ज्ञान ज्योति दर्पण पर पढ़ें।
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े
Gyan Jyoti Darpan
Comments are closed.