दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: स्वदेशी की पुकार

Title and between image Ad

स्वदेशी की पुकार
=======================

ओ परदेशी ओ परदेशी……
हमे भूल ना जाना
कभी तुम भी स्वदेशी थे
दूर देश जाकर हो गये परदेशी
कभी हम साथ साथ
गांव में खेला करते थे
सुबह लड़ाई करते

शाम तक दोस्ती कर लेते थे
याद करो वो दिन भाई मेरे
वो बचपन की थी नादानी
अब हमें तुम्हारी याद आती है
दौलत की अंधी दौड़ में
तुम तो हमें भूल गये हो
अब सारे गांव विरान पड़े
महल जैसा घर बनाएं तुमनें

गल्लीयां मोहले सब सुनसान पड़े
शहर में तुम अकड़े से पड़े हो
ऊपर से शान से कहते हो
हम प्रगति की राह पर खड़े है
हमें सब पता है भाई मेरे
शहरों की हवा तुम्हें लगी है
अब रह नही पाओगे गांवों में
पर बर्ष में दो बार तो

हमें मिलने गांव आया करो
छुट्टीयों के कुछ दिन तो
साथ हमारे बिताया करो
होली दिवाली मिला करो
संस्कृति अपनी बचाएं रखो
भावी पिडी को यह सिखाया करो
है जो अपनापन वो बचाएं रखो
ओ परदेशी ओ परदेशी
हमें भूल ना जाना
कभी तुम भी स्वदेशी थे

दूर देश जाकर अब हुएं परदेशी
रिती रिवाज अपने समाज के
जिन्दा तो रखो भाई मेरे
बच्छों को यहा जरुर लाया तो करो
संस्कार गांव के सिखाया करो
भविष्य में अंधेरा घना छा जायेगा
फिर पछताने से क्या फाईदा….?
इसीलिए कहता हूं भाई मेरे
हम से मिलने आया तो करो

हम भी यहा पर कुशल मंगल है
तुम भी वहां पर सुखी रहो
यही मनो कामनाएं है हमारी
बर्ष में दो बार मौके मौके पर
गांव में आया तो करो
गांव में लोग तुम्हें
प्रवासी संघ के मेंबर कहे पुकारे
आते जाते रहना गांव में

इस प्रवासी नाम को मिटाना है

ओ परदेशी परदेशी
हमें भूल ना जाना
कभी तुम भी स्वदेशी थे
दूर देश जाकर हो गये परदेशी
ओ परदेशी ओ परदेशी
हमें भूल ना जाना……..
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

 

जय श्री विश्वकर्मा जी री सा

लेखक दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र

मो: 9421215933

Gyanjyotidarpan.com पर पढ़े ताज़ा व्यापार समाचार (Business News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट ज्ञान ज्योति दर्पण पर पढ़ें।
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े Gyan Jyoti Darpan

Connect with us on social media
1 Comment
  1. 9316 says

    If youu wjsh foor tto gett much from tgis posdt thwn youu
    have too aply suich technjiques too yolur wonn weeb
    site.

Comments are closed.