वन एवं वन्य जीव हमारी धरोहर: स्कूल में छात्रों को जैव विविधता संरक्षण का संदेश

श्यो प्रसाद ने वन्य जीवों के आर्थिक और वैज्ञानिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वन और वन्य जीवों से मिलने वाले उत्पाद, जैसे कीमती लकड़ियाँ, जड़ी-बूटियाँ, हाथी दाँत और चमड़ा, आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

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सोनीपत, (अजीत कुमार): बाबा तारा नाथ हाई स्कूल खेड़ी दमकन में हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड, पंचकूला के जिला समन्वयक श्यो प्रसाद ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि वन और वन्य जीव हमारी धरती पर अमूल्य धरोहर हैं। ये मानव जीवन के अभिन्न अंग और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि वनों का महत्व पृथ्वी के सुरक्षा कवच के रूप में है, जो पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हैं। जंगलों की कटाई से मृदा अपरदन, सूखा और अतिवृष्टि जैसी अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

श्यो प्रसाद ने वन्य जीवों के आर्थिक और वैज्ञानिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वन और वन्य जीवों से मिलने वाले उत्पाद, जैसे कीमती लकड़ियाँ, जड़ी-बूटियाँ, हाथी दाँत और चमड़ा, आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान में भी वन्य जीवों का उपयोग होता है, जैसे मेढक, खरगोश, बंदर, भेड़ आदि पर किए गए प्रयोगों से नए औषधियों के गुण और शल्य चिकित्सा प्रणाली की जांच की जाती है।

उन्होंने सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का भी उल्लेख किया, कहा कि मनुष्य का वन्य जीवों से सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध अनादिकाल से चला आ रहा है। जैसे पीपल, बरगद, तुलसी, और आँवला की पूजा की जाती है, और हिंदू धर्म में मत्स्य, नरसिंह, हनुमान को देवताओं का अवतार माना जाता है। बाघ, गरुड़, चूहा, और बैल को देवी-देवताओं के वाहन के रूप में देखा जाता है।

इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र कुमार ने श्यो प्रसाद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चों में वन और वन्य जीवों के महत्व की समझ बढ़ेगी और जैव विविधता के संरक्षण में सहयोग मिलेगा। कार्यक्रम में राम करण, सुमन, आँचल और अन्य अध्यापकगण भी उपस्थित रहे।

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