सीईटी पर कोर्ट के फैसले से बीजेपी एक्सपोज: कांग्रेस सरकार बनने पर होगी पारदर्शी, योग्यता अनुसार और समयबद्ध भर्तियां- हुड्डा
बीजेपी नीतिगत तौर पर सरकारी भर्तियों को पूरी तरह खत्म करना चाहती है। बीजेपी कौशल निगम के जरिए भर्तियां करके मेरिट और आरक्षण को पूरी तरह समाप्त करना चाहती है। वो कम वेतन में पढ़े-लिखे युवाओं से काम करवा कर उनको शोषण की आग में झोंकना चाहती है।
- सीईटी पर कोर्ट के फैसले ने बीजेपी की युवा व बेरोजगार विरोधी मानसिकता को किया एक्सपोज- हुड्डा
- नौकरी देना तो दूर, भर्ती प्रक्रिया और नियम भी ढंग से नहीं बना सकती भाजपा- हुड्डा
- कोर्ट में लटकाने के लिए जानबूझकर भर्ती नियमों और प्रक्रिया में लूप होल छोड़ती है सरकार- हुड्डा
- सरकारी नौकरियों को पूरी तरह खत्म करना चाहती है बीजेपी- हुड्डा
चंडीगढ़, (अजीत कुमार): भर्ती घोटाले और पेपर लीक की आदि हो चुकी बीजेपी सरकार को हाई कोर्ट ने एक बार फिर पूरी तरह एक्सपोज कर दिया है। सीईटी को लेकर आए कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार जानबूझकर भर्ती नियमों और प्रक्रिया में लूप होल छोड़ती है। जिसकी वजह से एक के बाद एक भर्ती कोर्ट में जाकर लटक जाती हैं और सरकार को भर्ती न करने का बहाना मिल जाता है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का।
युवाओं के जीवन से खिलवाड़ करती भाजपा- हुड्डा
हुड्डा ने कहा कि पिछले 4 साल से बीजेपी सीईटी के नाम पर युवाओं को बेवकूफ बना रही है। पहले हरेक भर्ती को सीईटी का झांसा देकर कैंसल किया गया और लटकाया गया। फिर साजिश के तहत ऐसे नियम बनाए गए, जो कोर्ट में नहीं टिक पाए। यह सरकार कोर्ट में खुद के बनाए नियमों की भी वकालत ढंग से नहीं कर पाई। उसका खामियाजा आज लाखों बेरोजगार युवाओं को भुगतना पड़ रहा है।
कोर्ट के सामने अपनी बात रखने में सरकार विफल- हुड्डा
हुड्डा ने कहा कि सीईटी के नाम पर बीजेपी ने कदम-कदम पर युवाओं को प्रताड़ित किया है। पहले सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के आधार पर भर्तियां करने का ऐलान किया। फिर सीईटी पास करने वाले सभी साढ़े 3 लाख युवाओं को भर्ती पेपर के लिए योग्य मानने से ही इनकार कर दिया। फिर जैसे तैसे पेपर हुआ तो ग्रुप 56-57 जैसी कई अनियमितता सामने आईं। आज तक उस भर्ती का रिजल्ट नहीं निकाला गया। भर्ती परीक्षाओं के अंक और डिटेल रिजल्ट जारी नहीं किया गया। 41 प्रश्न रिपीट किये गए। जब अभ्यर्थियों ने सरकार की अनियमितताओं को कोर्ट में चैलेंज किया तो कोर्ट के सामने सरकार ने हर बार अपना पक्ष रखने में देरी की। इन तमाम गड़बड़झालों के पीछे सरकार का मकसद सिर्फ और सिर्फ भर्तियों को लटकाया, कैंसल करवाना और युवाओं को प्रताडित करना था। कोर्ट के फैसले से यह बात अब पूरी तरह स्पष्ट हो चुके है।
बीजेपी नीतिगत तौर पर सरकारी भर्तियों को पूरी तरह खत्म करना चाहती है। बीजेपी कौशल निगम के जरिए भर्तियां करके मेरिट और आरक्षण को पूरी तरह समाप्त करना चाहती है। वो कम वेतन में पढ़े-लिखे युवाओं से काम करवा कर उनको शोषण की आग में झोंकना चाहती है।
हरियाणा में बीजेपी सरकार अब चंद दिन की मेहमान- हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि नौकरियों की तैयारी कर रहे युवाओं को निराशा या हताश होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि हरियाणा में बीजेपी सरकार अब चंद दिन की मेहमान है। प्रदेश में जल्द ही कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस पेपर लीक और भर्ती माफिया को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम युवाओं को भरोसा दिलाते हैं कि आने वाली सरकार पूरी तरह पारदर्शी, योग्यता अनुसार और समयबद्ध तरीके से भर्तियां करेगी। इसके लिए पार्टी द्वारा बाकायदा एक भर्ती विधान जारी किया गया है, जो कांग्रेस के मेनिफेस्टो का भी हिस्सा होगा। कांग्रेस सरकार आते ही दो लाख से ज्यादा खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर देगी।
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