डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक पर विवाद: कांग्रेस ने सरकार पर लगाए अव्यवस्था और अनादर के आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करवाना उनके प्रति अपमानजनक है। अरविंद केजरीवाल और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी सवाल उठाए।
डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक पर विवाद: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस ने सरकार पर अंतिम संस्कार में अव्यवस्था और अनादर के आरोप लगाए हैं।
पवन खेड़ा के सात बिंदुओं में अव्यवस्था के आरोप
डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में असम्मान और कुप्रबंधन का चौंकाने वाला प्रदर्शन –
▪️डीडी (दूरदर्शन) को छोड़कर किसी भी समाचार एजेंसी को अनुमति नहीं दी गई; डीडी ने मोदी और शाह पर ध्यान केंद्रित किया, डॉ. सिंह के परिवार को बमुश्किल ही कवर किया।
▪️डॉ. सिंह के परिवार के…
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) December 28, 2024
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने X पर पोस्ट करते हुए अंतिम संस्कार से जुड़े सात मुद्दे उठाए:
- परिवार के लिए केवल तीन कुर्सियां रखी गईं।
- परिवार के बाकी सदस्यों के लिए कुर्सियां मांगनी पड़ीं।
- जब डॉ. सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया और गन सैल्यूट दिया गया, तो पीएम मोदी और अन्य मंत्री खड़े नहीं हुए।
- खेड़ा ने कहा कि यह अव्यवस्था और अनादर एक महान नेता के प्रति सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों की कमी को दर्शाता है।
राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने भी उठाए सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करवाना उनके प्रति अपमानजनक है। अरविंद केजरीवाल और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी सवाल उठाए।
राहुल गांधी: “डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर उनका अपमान किया गया।”
अरविंद केजरीवाल: “सिख समाज के महान नेता के लिए 1000 गज जमीन भी सरकार नहीं दे सकी।”
संजय सिंह (AAP): “सिख समुदाय के गौरव के प्रति सरकार की छोटी सोच उजागर होती है।”
स्मारक को लेकर विवाद
27 दिसंबर: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर डॉ. सिंह का स्मारक बनाने के लिए जगह मांगी थी।
28 दिसंबर: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि स्मारक के लिए जमीन आवंटित की जा चुकी है। हालांकि, उन्होंने स्थान का खुलासा नहीं किया।
मनमोहन सिंह: देश के पहले सिख प्रधानमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह का 21 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वे 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री और सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहने वाले चौथे नेता थे।
विवाद का राजनीतिकरण
डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर केंद्र और विपक्ष के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। विपक्ष इसे सरकार की अनदेखी बता रहा है, जबकि बीजेपी ने स्मारक की प्रक्रिया में समय लगने का हवाला दिया है।
यह घटना न केवल एक महान नेता के प्रति सम्मान का सवाल उठाती है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच टकराव का नया मुद्दा भी बन गई है।
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