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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मै दैखीया बडेरा ने

मै दैखीया बडेरा ने ==================== ओ मारा समाज रा लोगो जरा याद करो जूना जमाने ने जब बडैरा मंदिर पर आवता बीच मैदान री घास निकाल कर करता तैयारी दाल बाटी चूरमा री महाप्रसाद री तैयारी करता सगळा मिल बैठ भजन खुद ही गावता नहीं…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: श्री विश्वकर्मा मंदीर जवाली

श्री विश्वकर्मा मंदीर जवाली ___________ उतर दैखीयो, दखण दैखीयो देश दैखीयो, प्रदेश दैखीयो दैखीयो सारो हिंदुस्तान ईण मंदीर जिसो मंदीर कठे जाँगिड़ सुथारो री आस्था अठे विश्वकर्मा जी रो धाम अठे आ देव भूमी है अठे देवता रोज रोज रमे है अठे…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: माँ प्रथम गुरु है मेरी

✍️ लेखक की कलम से......... संस्कार व ज्ञान सिखाने वाले इस धरातल पर प्रथम गुरु का नाम है माँ। जन्मदात्री के साथ साथ लालन पालन करते हुए ज्ञान की दायत्री भी है। नाम वाचक किसी भी शब्द को बोलने के लिए शायद पुरा मुंह नही खोलना पड़ता होगा पर…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: चालो जी विश्वकर्मा जी रे धाम

चालो जी विश्वकर्मा जी रे धाम 🌹🕉️🌹🕉️🌹🕉️🌹🕉️🌹 🏃🏾‍♂️🏃🏾‍♂️चालो जी चालो विश्वकर्मा जी रे धाम चालो चालो मारा भाईड़ा रे चालो विश्वकर्मा रे धाम अठै पूजा आरती होवे बाजे झालर घंटा नगाड़ा आरती गावै गणपत पुजारी जी समाज बंधू ताळ मंजीरा बजावै…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: ब्रह्मऋषि अंगिरा जी आरती

ब्रह्मऋषि अंगिरा जी आरती 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🕉️जय ऋषि अंगिरा, स्वामी जय ऋषि अंगिरा। परम पिता सुख दाता, हरे सकल पीरा।।🕉️ आदि सृष्टि में उपजे, गुरु पद प्राप्त किया। ब्रह्मदिक ऋषियों को, सद उपदेश दिया।। 🕉️ अथर्ववेद युग दृष्टा, बहु विधी श्रुति…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मेरे जीवन का संघर्ष

लेखक की कलम से....... हा अब बात करे की परिवार क्यू टूट रहे हैं इस पर थोड़ा कलयुग की परशाई पड़ी है इस विषय पर बात कर लेते है..... मैं मारवाड़ से निकलकर सन 1967 से महाराष्ट्र में रह रहा हूं, लेकिन मारवाड़ समय-समय पर आते जाते रहा हूं। आज…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: श्री विश्वकर्मा आरती

श्री विश्वकर्मा आरती ******************** ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा, सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा। आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया, शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया।। ऋषि अंगिरा ने तप…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सुर्य का प्रतिबिंब है दीपक

सुर्य का प्रतिबिंब है दीपक ✍️ कवि की कल्पना.... सुर्य दीपक को आदेश देकर सांज होते ही अपने घर जाते जाते....... 🪔 दीपक से क्या कहते है सुनिए सुर्य देव की जुबानी से........ ====================== मैं सुर्य हूं प्रकाशमय दीपक तू एक…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: गणेश चतुर्थी का गौरव गीत

गणेश चतुर्थी का गौरव गीत गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर खुले है भाग जांगिड समाज के..... टेर गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर जागे भाग गुलाल के..... टेर हर कोई विश्वकर्मा जी के भजन गावे कोई कोई चुटकलें सुनावै अलग अलग अंदाज के...... टेर गणेश…
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धर्म-अध्यात्म: ज्योतिषी/तांत्रिक को लोगों के नकारात्मकता का प्रभाव भुगतना पड़ सकता है

गन्नौर/सोनीपत: शास्त्रों में कहा गया है ,ज्योतिष अभिशापित विद्या है, इसके सम्बन्ध में अनेक मत है और सम्बंधित कहानियां भी हैं।  इसी प्रकार हम अनुभव करते हैं की अक्सर तंत्र साधना जुड़े अधिकतर लोगों के बाद के समय कष्टकर होने लगते हैं यदि वह…
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