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स्पेशल स्टोरी
कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मात-पिता को वंदन
मात-पिता को वंदन
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मुझे इस दुनिया में लाया
मुझे बोलना चलना सिखाया
ओ मात-पिता तुम्हें वंदन
मैंने किस्मत से तुम्हें पाया
मुझे इस दुनिया में लाया
मुझे बोलना चलना सिखाया
ओ मात-पिता तुम्हें वंदन
मैंने किस्मत से…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: स्वार्थ का जन्म कब होता है…..?
✍️ लेखक की कलम से......
जब बच्चा तीन चार बर्ष का होता है वह थोड़ी समझ आती है वह परिवार के लोगों के द्वारा जेब वाले शर्ट पहनाए जाते है उसी समय मोह का जन्म होता है व कुछ महिने बीत जाने के बाद जेब में संग्रह करने की आदत के कारण ही स्वार्थ का…
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ज्योतिष डॉ. ज्योति माने से जानिये: रत्नों के प्रकार, रत्नों की संख्या काफी बड़ी और अनिश्चित है
मुंबई/जीजेडी न्यूज: मानव हमेशा नए नए रत्नों की खोज करता आया है । भारतमें 84, रत्नों को ही विशेष मान्यता दी गई है। किंतु आजतक 160 प्रकार के रत्न उपलब्ध हैं। इन रत्नों में सभी रत्न एक ही श्रेणी के नहीं होते। कुछ रत्न मूल्यवान होते हैं तो कुछ…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मुझे आपकी आज्ञा मिले तो, बहुत कुछ लिखना चाहता हूं
मुझे आपकी आज्ञा मिले तो,
बहुत कुछ लिखना चाहता हूं....
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🏃🏾♂️मैं हर रोज आपके वाँटस अप गुरुप में आपके समक्ष आना चाहता हूं....
आपकी पसंद की कुछ प्यारी प्यारी बातें लिखना चाहता हूं....
समाज हित के चार ज्ञान वर्धक…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सच्चा समाज सेवक
सच्चा समाज सेवक
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🏃🏾♂️....लाडपुरा का लाल....
लाडपुरा से निकला सुकून लेकर
एक शकून की तलाश में
गांव गलियारे से निकला
🏃🏾♂️.... एक शहर की ओर
गांधीधाम में विस्तार पाया
अनंत लोगों से सम्पर्क जमाया
कर परिश्रम अति कठोर…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: चलने का नाम राही है
चलने का नाम राही है
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व्यस्त हूं पर आलस्य नही....
जीवन में कुछ कर गुजरने की
मनोकामना लेकर चलता हूं
व्यस्त हूं पर अस्त नही....
कविताओं के कारण मैं
कितने सौ हिस्सों में बट गया हूं
कभी मैं एक परिवार का
हिस्सा हुआ…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मै दैखीया बडेरा ने
मै दैखीया बडेरा ने
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ओ मारा समाज रा लोगो
जरा याद करो जूना जमाने ने
जब बडैरा मंदिर पर आवता
बीच मैदान री घास
निकाल कर करता तैयारी
दाल बाटी चूरमा री
महाप्रसाद री तैयारी
करता सगळा मिल बैठ
भजन खुद ही गावता
नहीं…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: श्री विश्वकर्मा मंदीर जवाली
श्री विश्वकर्मा मंदीर जवाली
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उतर दैखीयो, दखण दैखीयो
देश दैखीयो, प्रदेश दैखीयो
दैखीयो सारो हिंदुस्तान
ईण मंदीर जिसो मंदीर कठे
जाँगिड़ सुथारो री आस्था अठे
विश्वकर्मा जी रो धाम अठे
आ देव भूमी है अठे
देवता रोज रोज रमे है अठे…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: माँ प्रथम गुरु है मेरी
✍️ लेखक की कलम से.........
संस्कार व ज्ञान सिखाने वाले इस धरातल पर प्रथम गुरु का नाम है माँ। जन्मदात्री के साथ साथ लालन पालन करते हुए ज्ञान की दायत्री भी है। नाम वाचक किसी भी शब्द को बोलने के लिए शायद पुरा मुंह नही खोलना पड़ता होगा पर…
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ज्योतिष डॉ. ज्योति माने से जानिये: मूल्यवान पत्थर के नाम से रत्नों को प्राप्त है प्रसिद्धि
मुंबई/जीजेडी न्यूज: मूल्यवान पत्थर के नाम से रत्नों को प्रसिद्धि प्राप्त है। धनवान लोग बड़ी उत्सुकता से रत्नों की शोध में रहते हैं। अति प्राचीन काल से रत्नों को मान्यता प्राप्त है। इन रत्नों का उपयोग संपत्ति में वृद्धि के लिए लोकप्रियता और…
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