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डा. गुप्ति सागर

गुप्ति सागर जी महाराज :क्या सर्वव्यापी को गैर हाजिर भी कहा जा सकता है?

सवाल- भौतिक उन्नति मानव के विकास का कारण बने इसका क्या मार्ग होगा? जवाब- यह मनुष्य की वस्तुओं का उपयोग करने के ढंग पर निर्भर करेगा। क्योंकि वस्तु तो मुक हैं पुरुष जानता, समझता और बोलता है यंत्र में जितनी चाबी भरी जाएगी, उतनी ही देर काम…
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गुप्ति सागर जी महाराज :भक्ति के स्वरुपाें को भी जानना जरूरी

भक्ति के स्वरुपाें को भी जानना जरूरी सवाल- भक्ति की प्राथमिकता क्या है? जवाब- भक्ति के मायने तल्लिनता है अपने अराध्य में खो जाना और अपने आपको प्राप्त करने का रास्ता है। वास्तव में जो भक्ति में तल्लीन हो जाता है वह भव सागर से उतर जाता है।…
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गुप्ति सागर जी महाराज :गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाने का मंत्र

गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाने का मंत्र सवाल- गृहस्थ जीवन में तनाव कैसे दूर हों? जवाब- गृहस्त जीवन में तनाव दूर करने के लिए अभिमान को छोडऩे की आवश्यकता है। क्योंकि अभिमान अथवा झूठी लालसाओं के कारण मन में तनाव पैदा हो जाता है। जिसकी पूर्ति…
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गुप्ति सागर जी महाराज :धर्म में अभिमान होने का कारण भी जान लें

सवाल- सुख समृद्घि के बाद भी मनुष्य अशान्त क्यों है? जवाब- भौतिक वस्तुओं का संग्रह कर लेने से खुद को सुखी मानना सबसे बड़ी भूल है। वस्तुएं लालसा तृष्णा बढ़ाती हैं। इनसे अध्यात्मिक शान्ति नहीं मिलती है। वस्तुओं में यदि सुख होता तो भगवान…
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गुप्ति सागर जी महाराज : समदृष्टि सम्यग्दृष्टि को प्राप्त हो

आज का समय बहुत ही खास था महाराज श्री गुप्ति सागर जी गुप्तिधाम में विराजमान है यहां इस वक्त समय पौने आठ बजे है प्रात:काल का समय है यह मेरी वार्ता 20 जून 2004 की है हम समदृष्टि के अलग-अलग दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे मैने लंबी सूची अपने प्रश्नो…
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सफलता का महामंत्र :कर्म की स्याही से लिखी जाने वाली किस्मत को जानिये इसलिए पुरुषार्थ के साथ काम…

सफलता का महामंत्र: हम आपके आप हमारे हमें आप हैं जान से प्यारे कर्म की स्याही से लिखी जाने वाली किस्मत को जानिये इसलिए पुरुषार्थ के साथ काम करिये याद रखो कर्म रुपी बीज जीवन रुपी धरती में पड़ते ही हर हाल में उगता है…
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गुप्ति सागर जी महाराज :निराश मत हो सफलता का सुरक्षा कवच लो

गुप्ति सागर जी महाराज की संपादित पुस्तक के अंश शांति दूत मुनि श्री राष्ट्र संत डा. गुप्ति सागर महाराज राष्ट्र संत शाकाहार प्रवर्तक, महायोगी, मुनि श्री राष्ट्र संत डा. गुप्ति सागर जी महाराज का जीवन विविधताओं से भरा हुआ है यह लेखक, कवि,…
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प्रेम के खुबसूरत पौधे को दिल की जमीन पर उगाइए

राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र प्रेम के खुबसूरत पौधे को दिल की जमीन पर उगाइए दुनिया का सबसे खुबसूरत पौधा प्रेम का स्नेह का है। यह जमीन पर नहीं मनुष्य के हृदय में…
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मानवीय व्यक्तित्व को समृद्ध बनाने के लिए निर्ग्रथ्यों का संग करो

राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र पॉजिटिव व्यक्तित्व से जीवन का नया क्षितिज निर्मित होता है   मन में सदैव अच्छे विचार और अच्छे अहसासों को ही जगह दीजिए ताकि दिमाग में सदा…
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मानवीय गुणों से अलंकृत व्यक्तित्व

राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र मानवीय गुणों अलंकृत व्यक्तित्व में कभी दीनता का दर्शन नहीं होता। मानवीयता से भरा व्यक्तित्व सदैव पर हितकारी होता है। वसुधैव कुटुम्बकम…
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