Browsing Category
जैन
24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जयंती : पंचशील सिद्धान्त दुनिया को दिए जैन धर्म ने: जैन
एसएस न्यूज.सोनीपत। पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने कहा कि जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जीवन ही उनका संदेश है। उन्होंने दुनिया को अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य का निर्वहन पंचशील…
Read More...
Read More...
गुप्ति सागर जी महाराज :ग्रहस्थ जवीन को सुखी बनाने के पांच सूत्र बताएं।
सवाल : ग्रहस्थ जवीन को सुखी बनाने के पांच सूत्र बताएं।
जवाब :
नियत साफ रखना निहायत जरूरी।
बड़ों के प्रति विनम्रता छोटों के प्रति वात्सल्य रखना।
आलस्य का परित्याग सतत् उद्यमशील होना।
पूज्य पुरुर्षों के प्रति सेवा का भाव…
Read More...
Read More...
गुप्ति सागर जी महाराज :संप्रदाय झूठी मान्यता पर आधारित परमात्मा पवित्र विचारों का प्रसाद
संप्रदाय झूठी मान्यता पर आधारित परमात्मा पवित्र विचारों का प्रसाद
सवाल-श्रद्घा बड़ी या दौलत ?
जवाब- दौलत से बड़ी श्रद्घा है क्योंकि श्रद्घा से दौलत मिलती है। जगत में जितने भी श्रेष्ठ कार्य हुए हैं उनमेें अपने इष्टों के प्रति…
Read More...
Read More...
गुप्ति सागर जी महाराज :पति का पत्नी के प्रति समर्पण कितना सही है?
सवाल : पति-पत्नी में झगड़े क्यों होते हैं, इन्हें रोकने का उपाय भी बताए?
जवाब : अत्याधिक उपेक्षाएं झगड़े का कारण हैं। यदि महिला अपने दायित्व में रहे पाते को अपना सर्वोच्च माने तो विवाद का प्रश्न ही नहीं उठता और पति भी पत्नी की बात को…
Read More...
Read More...
गुप्ति सागर जी महाराज :क्या सर्वव्यापी को गैर हाजिर भी कहा जा सकता है?
सवाल- भौतिक उन्नति मानव के विकास का कारण बने इसका क्या मार्ग होगा?
जवाब- यह मनुष्य की वस्तुओं का उपयोग करने के ढंग पर निर्भर करेगा। क्योंकि वस्तु तो मुक हैं पुरुष जानता, समझता और बोलता है यंत्र में जितनी चाबी भरी जाएगी, उतनी ही देर काम…
Read More...
Read More...
गुप्ति सागर जी महाराज :भक्ति के स्वरुपाें को भी जानना जरूरी
भक्ति के स्वरुपाें को भी जानना जरूरी
सवाल- भक्ति की प्राथमिकता क्या है?
जवाब- भक्ति के मायने तल्लिनता है अपने अराध्य में खो जाना और अपने आपको प्राप्त करने का रास्ता है। वास्तव में जो भक्ति में तल्लीन हो जाता है वह भव सागर से उतर जाता है।…
Read More...
Read More...
गुप्ति सागर जी महाराज :गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाने का मंत्र
गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाने का मंत्र
सवाल- गृहस्थ जीवन में तनाव कैसे दूर हों?
जवाब- गृहस्त जीवन में तनाव दूर करने के लिए अभिमान को छोडऩे की आवश्यकता है। क्योंकि अभिमान अथवा झूठी लालसाओं के कारण मन में तनाव पैदा हो जाता है। जिसकी पूर्ति…
Read More...
Read More...
गुप्ति सागर जी महाराज :धर्म में अभिमान होने का कारण भी जान लें
सवाल- सुख समृद्घि के बाद भी मनुष्य अशान्त क्यों है?
जवाब- भौतिक वस्तुओं का संग्रह कर लेने से खुद को सुखी मानना सबसे बड़ी भूल है। वस्तुएं लालसा तृष्णा बढ़ाती हैं। इनसे अध्यात्मिक शान्ति नहीं मिलती है। वस्तुओं में यदि सुख होता तो भगवान…
Read More...
Read More...
गुप्ति सागर जी महाराज : समदृष्टि सम्यग्दृष्टि को प्राप्त हो
आज का समय बहुत ही खास था महाराज श्री गुप्ति सागर जी गुप्तिधाम में विराजमान है यहां इस वक्त समय पौने आठ बजे है प्रात:काल का समय है यह मेरी वार्ता 20 जून 2004 की है हम समदृष्टि के अलग-अलग दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे मैने लंबी सूची अपने प्रश्नो…
Read More...
Read More...
सफलता का महामंत्र :कर्म की स्याही से लिखी जाने वाली किस्मत को जानिये इसलिए पुरुषार्थ के साथ काम…
सफलता का महामंत्र: हम आपके आप हमारे हमें आप हैं जान से प्यारे
कर्म की स्याही से लिखी जाने वाली किस्मत को जानिये इसलिए पुरुषार्थ के साथ काम करिये
याद रखो कर्म रुपी बीज जीवन रुपी धरती में पड़ते ही हर हाल में उगता है…
Read More...
Read More...