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धर्म-कर्म
दिव्य पुरुष बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने अध्यात्म को व्यवहार से जीवंत किया
व्यक्ति के जीवन में बोल और कर्म जब एक सार होते हैं तभी वह व्यावहारिक जीवन का उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर पाता है। जीवन के सफर में आने वाले उतार चढ़ावों की परवाह न करते हुए वह भक्ति पथ पर सहजता के साथ अग्रसर रहता है। ऐसा ही भक्त सहज भक्ति कर…
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अध्यात्म का प्राण है इसका व्यावहारिक रूप
Practical spirituality
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मन को बेहद भाने वाले
वेश भूषा व्यक्तितव को निखारती- संवारती है। विश्व भर में लोग अनगिनत प्रकार के वस्त्र पहनते हैं। हर वेश भूषा का अपना आकर्षण है। लोग अपने नन्हे- मुन्ने बच्चों को तरह तरह के वस्त्र पहना कर खुशी हासिल करते हैं।
बाबा…
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तेरा एहसास रहे
आत्मबोध कराते समय सदगुरु ने वह सम्पूर्ण ज्ञान हमें दिया जो उनके पास था। पूरा का पूरा दिया आधा अधूरा नहीं। परमात्मा द्वारा रचित नौ प्रकृतियां- सूरज ,चांद, तारे, धरती, पानी, आग ,वायु, जीव, आकाश के बारे में समझाया और फिर इशारा दे दिया…
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मेनू है आस तेरी
मेनू है आस तेरी
बाबा हरदेव सिंह जी के साथ बीता वो खुशियों भरा नजारा हर किसी के जहन में तरोताजा है। सुबह की शीतल मंद समीर की तरह सुखद एहसास दिलाने वाले वो पल पुनः याद आ जाते हैं जब उस वक्त के नज़ारे किसी भी रूप में सामने आते हैं।…
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सदगुरु पर विश्वास, निरंकार का एहसास
आत्मबोध कराते समय सदगुरु ने वह सम्पूर्ण ज्ञान हमें दिया जो उनके पास था।पूरा का पूरा दिया आधा अधूरा नहीं। परमात्मा द्वारा रचित नौ प्रकृतियां-सूरज, चांद, तारे, धरती, पानी, आग, वायु, जीव, आकाश के बारे में समझाया और फिर इशारा दे…
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भक्ति और विश्वास
भक्ति में भाव की विशेष महत्ता है ।भाव उत्तम नहीं तो भक्ति भी श्रेष्ठ नहीं,फिर वह भक्ति का आडम्बर मात्र है । दिखावा है कि लोग कहें कि यह बहुत बड़ा भक्त है ।हमेशा भक्ति में लीन रहता है। इससे इतना सा ही लाभ है कि लोगों की नज़र में भक्त…
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नफ़रत को नहीं कोसा प्यार की बांसुरी बजाई
निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी ने सारी दुनिया में जा जाकर प्यार बांटा। सबको प्यार ही प्यार दिया। नफ़रत खत्म करने के लिए उन्होंने नफ़रत को कोसने की बजाय प्यार की ऐसी बांसुरी बजाई जो लोगों को प्यार के अनोखे संसार में ले गई। यह सब…
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हिंदी है जन जन की भाषा
हिंदी है जन जन की भाषा
हिंदी है जन जन की भाषा।
उत्तम भाषा प्रेम की भाषा।
जोड़ रही हर नगर गांव को,
हिंदी है हम सब की भाषा।
संविधान ने मान्य किया है।
राष्ट्र भाषा का रूप दिया है।
अब हम सबने है यह ठाना,
फैले…
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