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धर्म-कर्म
स्मृतियां मानवता के मसीहा निरंकारी बाबा जी की : अत्यन्त मनभावन और कल्याणकारी हैं सदगुरु की कल्याण…
गुरु की आराधना नित्य करो
संत कबीर जी गुरु की निसदिन वंदना करने की प्रेरणा देते हुए कहते हैं कि गुरु की आराधना नित्य करो।
सो गुरु निस दिन बंदिये, जासों पाया राम।
नाम बिना घट अंध है,ज्यों दीपक बिन धाम।…
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तनाव मुक्त जीवन व्यक्तित्व की शान है
राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र
तनाव मुक्त जीवन व्यक्तित्व की शान है। मनुष्य की छोटी सी जिंदगी को सजाएं, संवारे, तनाव मुक्त रहें ताकि जीवपन महकता हुआ बाग बन जाए। तनाव मुक्त होना…
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व्यक्तित्व विकास हेतू हर पल का उपयोग करना ही जीवन विकास उपक्रम है
सूत्र : हर पल जागरुक रहना है ताकि जीवन का विकास अवरुद्ध ना हो।
व्यक्तित्व विकास हेतू हर पल का उपयोग करना ही जीवन विकास उपक्रम है। जीवन को उन्नत प्रगतिशील, निर्मल बनाने के लिए पल-पल कमल विकासी होना है।
विश्वास ही व्यक्तित्व को…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : दिव्य प्रेम से भरे हुए थे बाबा हरदेव सिंह जी
मनुष्य जन्म सर्वोत्तम है। यह पशु पक्षियों से श्रेष्ठ है लेकिन यदि मनुष्य वाले कर्म न हों तो यह पशुओं से भी निकृष्ट है। पशु पक्षी अपनी मर्यादा का पालन हर स्थिति में करते हैं। मनुष्य मानव वाले कर्म करने में कोताही बरतता…
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धार्मिक कार्य और अपने कारोबार में तालमेल बैठाने का हुनर जानिए
सुरेश चंद जैन की यह कहानी आपके जीवन को बदल देगी
धार्मिक कार्य और अपने कारोबार में तालमेल बैठाने का हुनर जानिए
सूत्र: मैं जो भी काम करता हूं मैं विचलित नहीं होता
हम एक ऐसे व्यक्तित्व के साथ में चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने अपने जीवन…
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झुक कर चलना दृष्टि ऊपर रखना जीवन विकास का अमूल्य सूत्र है
सूत्र : अच्छे कार्य के लिए संकल्प कर मन में विश्वास उत्पन्न कर
राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र
नीचे झुक कर चलना और दृष्टि को ऊपर रखना जीवन विकास का अमूल्य सूत्र है। भारत की…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : सबको अपना बनाने वाले
दिव्य पुरुष निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की यात्राओं के दौरान ऐसे अलौकिक घटनाओं के साथ साक्षात्कार हुआ यह बात 13 फरवरी 2004 की है।
झारखण्ड और बिहार की कल्याण यात्रा के बाद सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज उत्तर…
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स्मृतियां निरंकारी बाबा जी की : उनका अपनापन और अपार प्रेम याद करके आंखें भर आती हैं
निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी अनेक मानवीय गुणों से भरे हुए थे। प्यार, नम्रता, विशालता, उदारता, क्षमाशीलता उनके रोम रोम में व्याप्त थी।
विश्राम कीं बिल्कुल फ़िक्र नहीं होती
दिल्ली में वार्षिक संत समागम की तैयारियों…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : चौबीस वर्ष पहले की गई विनती स्वीकारी
सद्गुरु के प्रति विश्वास-2
यादों के वो पल 15 मई 2008 की बात है। अपरान्ह ढ़ाई बजे का समय था। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ऊमरी चौराहा से जब सद्गुरु बाबा जी नूरपुर के लिए रवाना होने लगे तो एक बुजुर्ग माता प्रेमवती जी, हुजूर के पास आईं…
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