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निरंकारी
मानवता के बढ़ते कदम: संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा रक्तदान शिविर में 58 लोगों ने किया रक्तदान…
जीजेडी न्यूज़.देहरादून।
सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज जी की कृपा से संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन निरंकारी सत्संग भवन रेस्ट कैंप देहरादून में किया जिसका उदघाटन स्थानीय ज्ञान प्रचारक ज्ञानेश्वर जी ने…
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73वें निरंकारी समागम : 73वें निरंकारी समागम पर सद्गुरू माता सुदीक्षा जी का मानवता को संदेश
जीजेडी न्यूज.चंडीगढ़/दिल्ली ।
मानव भौतिक साधन के पीछे भागने की बजाय, मानवीय मूल्यों को अपनाने की ओर ध्यान केन्द्रित करेगा तो जीवन स्वयं ही सुदंर बन जायेगा। ये उद्गार सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने तीन दिवसीय 73वें वर्चुअल वार्षिक…
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स्मृतियां मानवता के मसीहा निरंकारी बाबा जी की : अत्यन्त मनभावन और कल्याणकारी हैं सदगुरु की कल्याण…
गुरु की आराधना नित्य करो
संत कबीर जी गुरु की निसदिन वंदना करने की प्रेरणा देते हुए कहते हैं कि गुरु की आराधना नित्य करो।
सो गुरु निस दिन बंदिये, जासों पाया राम।
नाम बिना घट अंध है,ज्यों दीपक बिन धाम।…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : दिव्य प्रेम से भरे हुए थे बाबा हरदेव सिंह जी
मनुष्य जन्म सर्वोत्तम है। यह पशु पक्षियों से श्रेष्ठ है लेकिन यदि मनुष्य वाले कर्म न हों तो यह पशुओं से भी निकृष्ट है। पशु पक्षी अपनी मर्यादा का पालन हर स्थिति में करते हैं। मनुष्य मानव वाले कर्म करने में कोताही बरतता…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : सबको अपना बनाने वाले
दिव्य पुरुष निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की यात्राओं के दौरान ऐसे अलौकिक घटनाओं के साथ साक्षात्कार हुआ यह बात 13 फरवरी 2004 की है।
झारखण्ड और बिहार की कल्याण यात्रा के बाद सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज उत्तर…
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स्मृतियां निरंकारी बाबा जी की : उनका अपनापन और अपार प्रेम याद करके आंखें भर आती हैं
निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी अनेक मानवीय गुणों से भरे हुए थे। प्यार, नम्रता, विशालता, उदारता, क्षमाशीलता उनके रोम रोम में व्याप्त थी।
विश्राम कीं बिल्कुल फ़िक्र नहीं होती
दिल्ली में वार्षिक संत समागम की तैयारियों…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : चौबीस वर्ष पहले की गई विनती स्वीकारी
सद्गुरु के प्रति विश्वास-2
यादों के वो पल 15 मई 2008 की बात है। अपरान्ह ढ़ाई बजे का समय था। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ऊमरी चौराहा से जब सद्गुरु बाबा जी नूरपुर के लिए रवाना होने लगे तो एक बुजुर्ग माता प्रेमवती जी, हुजूर के पास आईं…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : क्रोध से नुक़सान है क्रोध नहीं सबसे प्रेम करना है
काम, क्रोध और लोभ ये नरक के द्वार हैं। इस द्वार की चमक दमक देखकर मन अंदर जाने को लालायित होता है।अवसर पड़ने पर काम ही क्रोध का रूप धारण कर लेता है। कामना में विघ्न पड़ा नहीं कि क्रोध सातवें आसमान पर पहुंच जाता है।
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