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निरंकारी

निरंकारी संत समागम सम्पूर्ण विश्व के लिए कल्याणकारी 

सन्त समागम , हरि कथा संसार में अत्यन्त दुर्लभ हैं पर जब सदगुरु की कृपा होती है तो दुर्लभ भी सुलभ हो जाता है। आज सारा संसार एक भयावह स्थिति से गुजर रहा है। एक ही अज्ञात भय सबको सता रहा है कि कहीं कारोना वायरस की…
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जीवन में सच्ची खुशी का आगमन

जीवन में  बहुत कुछ है , अच्छा भी है  बुरा भी है। शरीर सुंदर भी है और असुंदर भी, स्वास्थ्य  अच्छा  भी है और  नासाज़ भी है। जीवन में बुराईयां है पर जीवन बुरा नहीं है। इसलिए जीवन में जो कुछ उत्तम है उसका आनंद लेना  है  और जो अच्छा…
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सुनने का इल्म पैदा कर

मानव प्रभु परमात्मा की उत्तम रचना है। मानव ने ही इस  उत्कृष्टता को कायम रखना  है। पशुओं के बच्चे जन्म लेने के कुछ समय बाद ही चलना शुरू कर देते हैं। पक्षियों के बच्चें कुछ समय अंडों में रहकर बाहर आते हैं और घोंसलों में कुछ वक्त…
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दिव्य पुरुष बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने अध्यात्म को व्यवहार से जीवंत किया

व्यक्ति के जीवन में बोल और कर्म जब एक सार होते हैं तभी वह व्यावहारिक जीवन का उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर पाता है। जीवन के सफर में आने वाले उतार चढ़ावों की परवाह न करते हुए वह भक्ति पथ पर सहजता के साथ अग्रसर रहता है। ऐसा ही भक्त सहज भक्ति कर…
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मन को बेहद भाने वाले

वेश भूषा व्यक्तितव को निखारती-  संवारती है। विश्व भर में लोग अनगिनत  प्रकार के वस्त्र पहनते हैं। हर वेश भूषा का अपना आकर्षण है। लोग अपने नन्हे- मुन्ने बच्चों को तरह तरह के वस्त्र पहना कर खुशी हासिल करते हैं। बाबा…
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तेरा एहसास रहे

आत्मबोध कराते समय सदगुरु ने वह सम्पूर्ण ज्ञान  हमें  दिया जो उनके पास था। पूरा का पूरा दिया आधा अधूरा नहीं। परमात्मा द्वारा रचित नौ प्रकृतियां-   सूरज ,चांद, तारे, धरती, पानी, आग ,वायु, जीव, आकाश  के बारे में समझाया और फिर इशारा दे दिया…
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मेनू है आस तेरी

मेनू है आस तेरी बाबा हरदेव सिंह जी के साथ बीता वो खुशियों भरा नजारा हर किसी के जहन में तरोताजा है। सुबह की शीतल मंद समीर की तरह सुखद एहसास दिलाने वाले वो पल पुनः याद आ जाते हैं जब उस वक्त के नज़ारे किसी भी रूप में सामने आते हैं।…
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सदगुरु पर विश्वास, निरंकार का एहसास

आत्मबोध कराते समय सदगुरु ने वह सम्पूर्ण ज्ञान  हमें  दिया जो उनके पास था।पूरा का पूरा दिया आधा अधूरा नहीं। परमात्मा द्वारा रचित नौ प्रकृतियां-सूरज, चांद, तारे, धरती, पानी, आग, वायु, जीव, आकाश  के बारे में समझाया और फिर इशारा दे…
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भक्ति और विश्वास

भक्ति में भाव की विशेष महत्ता है ।भाव उत्तम नहीं तो भक्ति भी श्रेष्ठ नहीं,फिर वह भक्ति का आडम्बर मात्र है । दिखावा है कि लोग कहें कि यह बहुत बड़ा भक्त है ।हमेशा भक्ति में लीन रहता है। इससे इतना सा ही लाभ है कि लोगों की नज़र में भक्त…
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