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डा. गुप्ति सागर

सोनीपत: गुप्ति सागर महाराज चातुर्मास के लिए गुप्तिधाम गन्नौर पहुंचे

मनुष्य जीवन भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ उपहार है: गुप्ति सागर सोनीपत: राष्ट्र संत शाकाहार प्रवर्तक 108 गुप्ति सागर महाराज का चातुर्मास इस बार गन्नौर स्थित गुप्ति धाम में होगा इसके लिए पदयात्रा कर गुप्ति सागर महाराज गुरुवार को…
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सोनीपत: धर्म को ले कर दिखावा नहीं उसे धारण करें: गुप्ति सागर

गन्नौर/जीजेडी न्यूज: धर्म दिखावे के लिए नहीं है बल्की धर्म को हमें धारण करने की जरूरत है। जिसने धर्म की शरण ली उसने अपने जीवन का उद्धार कर लिया। यह बातें गुप्तिधाम में आयोजित धर्म सभा के दौरान गुप्ति सागर मुनि महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि…
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सोनीपत: स्त्री और संपत्ति की अपेक्षा हमें आत्मा की रक्षा करनी चाहिए: गुप्ति सागर

हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व मध्यप्रदेश के अलावा दूरदराज से आए श्रद्धालु गुप्ति सागर जी महाराज के 45वें चातुर्मास के क्लश स्थापना पर बही अमृत रसधारा सोनीपत/नरेंद्र शर्मा परवाना: राष्ट्रसंत उपाध्याय गुप्ति…
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सोनीपत: भगवान नेमिनाथ, निर्वाण के कल्याण के लिए लड्डू का भोग लगाया

गुप्ति सागर महाराज का गन्नौर में मंगलप्रवेश   जैन मतावलंबी हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश से शामिल हुए सोनीपत/नरेंद्र शर्मा परवाना: उपाध्याय श्री 108 गुप्तिसागर मुनिराज जी महाराज का गन्नौर में बुधवार को मंगल प्रवेश गुप्तिधाम…
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गुप्ति सागर जी महाराज :ग्रहस्थ जवीन को सुखी बनाने के पांच सूत्र बताएं।

सवाल :  ग्रहस्थ जवीन को सुखी बनाने के पांच सूत्र बताएं। जवाब :  नियत साफ रखना निहायत जरूरी।  बड़ों के प्रति विनम्रता छोटों के प्रति वात्सल्य रखना।  आलस्य का परित्याग सतत् उद्यमशील होना।  पूज्य पुरुर्षों के प्रति सेवा का भाव…
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गुप्ति सागर जी महाराज :संप्रदाय झूठी मान्यता पर आधारित परमात्मा पवित्र विचारों का प्रसाद

संप्रदाय झूठी मान्यता पर आधारित परमात्मा पवित्र विचारों का प्रसाद सवाल-श्रद्घा बड़ी या दौलत ? जवाब- दौलत से बड़ी श्रद्घा है क्योंकि श्रद्घा से दौलत मिलती है। जगत में जितने भी श्रेष्ठ कार्य हुए हैं उनमेें अपने इष्टों के प्रति…
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गुप्ति सागर जी महाराज :पति का पत्नी के प्रति समर्पण कितना सही है?

सवाल : पति-पत्नी में झगड़े क्यों होते हैं, इन्हें रोकने का उपाय भी बताए? जवाब : अत्याधिक उपेक्षाएं झगड़े का कारण हैं। यदि महिला अपने दायित्व में रहे पाते को अपना सर्वोच्च माने तो विवाद का प्रश्न ही नहीं उठता और पति भी पत्नी की बात को…
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गुप्ति सागर जी महाराज :क्या सर्वव्यापी को गैर हाजिर भी कहा जा सकता है?

सवाल- भौतिक उन्नति मानव के विकास का कारण बने इसका क्या मार्ग होगा? जवाब- यह मनुष्य की वस्तुओं का उपयोग करने के ढंग पर निर्भर करेगा। क्योंकि वस्तु तो मुक हैं पुरुष जानता, समझता और बोलता है यंत्र में जितनी चाबी भरी जाएगी, उतनी ही देर काम…
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गुप्ति सागर जी महाराज :भक्ति के स्वरुपाें को भी जानना जरूरी

भक्ति के स्वरुपाें को भी जानना जरूरी सवाल- भक्ति की प्राथमिकता क्या है? जवाब- भक्ति के मायने तल्लिनता है अपने अराध्य में खो जाना और अपने आपको प्राप्त करने का रास्ता है। वास्तव में जो भक्ति में तल्लीन हो जाता है वह भव सागर से उतर जाता है।…
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गुप्ति सागर जी महाराज :गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाने का मंत्र

गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाने का मंत्र सवाल- गृहस्थ जीवन में तनाव कैसे दूर हों? जवाब- गृहस्त जीवन में तनाव दूर करने के लिए अभिमान को छोडऩे की आवश्यकता है। क्योंकि अभिमान अथवा झूठी लालसाओं के कारण मन में तनाव पैदा हो जाता है। जिसकी पूर्ति…
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