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संपादकीय/लेख
लाखों लोगों की पदयात्रा : हरजीत निषाद
जीजेडी न्यूज .सम्पादकीय।
लाखों लोगो की पदयात्रा का रिकॉर्ड भारत के नाम है। कारोना महामारी से निपटने के लिए लाक डाउन की घोषणा के तुरंत बाद प्रवासी मजदूरों की यह गृह नगर वापसी यात्रा थी। पूर्णतया आत्म प्रेरित और अनियोजित यह यात्रा दिल्ली…
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जीवन का रस
जीवन का रस।
गन्ना बहुत मीठा होता है।दुनिया भर की मिठाइयों की मिठास के पीछे गन्ने की अहम भूमिका होती है।घर घर में सुबह सबेरे तैयार होने वाली चाय ,काफी को भी गन्ना ही मीठा और स्वादिष्ट बनाता है।
गन्ने के पोर पोर में…
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प्रेम और आत्मीयता की मूर्ति डॉ लक्ष्मण राव सालुंके ब्रह्मलीन
जीजेड़ी न्यूज़ ग्वालियर।
प्रेम और आत्मीयता की मूर्ति भरे हुए डॉ लक्ष्मण राव सालुंके ग्वालियर में रहकर जीवन पर्यंत अध्यात्म जागृति के लिए संत निरंकारी मिशन का संदेश जन जन तक पंहुचाते रहे। 13 सितंबर 2020 कीनश्वर शरीर त्यागकर निरंकार में लीन…
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हिंदी है जन जन की भाषा
हिंदी है जन जन की भाषा
हिंदी है जन जन की भाषा।
उत्तम भाषा प्रेम की भाषा।
जोड़ रही हर नगर गांव को,
हिंदी है हम सब की भाषा।
संविधान ने मान्य किया है।
राष्ट्र भाषा का रूप दिया है।
अब हम सबने है यह ठाना,
फैले…
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रो-रो फेरी सेवा और परिवहन एवं लॉजिस्टिक्सय पर उसका प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्वारा दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी एवं अत्याधुनिक रो-रो परियोजना का उद्घाटन सौराष्ट्र के भावनगर जिले में घोगा से दक्षिण गुजरात में भरूच जिले के दहेज को जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण अध्याय का शुभारंभ हुआ है।…
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नेता हूं मैं
नेता हूं मैं
तमीज के कमीज फ़ाड़ी,
बेशर्मी का कोट पहना।
भ्रष्टाचार में लिप्त होकर,
शैतानी का पहना गहना ।
श्वेत वस्त्र धारण किए,
ठाट का है रहना सहना।
स्वार्थ की पूर्ति जहां पर,
उसी रो में मुझको बहना।
हैरान क्यों...…
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धार्मिक ना बने
आजकल हम सभी धार्मिक बनने की कोशिश कर रहे हैं इंसान तो कोई बनता ही नहीं। हमारे जीवन के अंदर जो भी घटित हो रहा है और उसका हम अनुभव ले रहे हैं। उसको दूसरों को बता रहे हैं तो वह अपने आप में खास है।
क्योंकि हम उस से वाकिफ हैं…
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इंसान बन पाए इंसान नहीं
यह रचना उस वक्त लिखी गई थी जब बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा था । तब मैं आर्मी के अंदर सर्विस कर रहा था। मेरी पोस्टिंग आगरा में थी। उसी दौरान इस रचना का लेखन हुआ। विचार आ रहे थे कि इंसान को भगवान ने ना हिंदू बनाया, ना सिख बनाया, ना इसाई…
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मेरे अनुभव की आंख
*जो कर्मफल तुम्हें मिलेगा*
हम जो अनुभव करें और उसके आधार पर बात कहें तो वह ज्ञान के साथ-साथ मार्गदर्शन भी है। यही विद्या है जो अनुभव के साथ प्रकट हुई है। सदा सनातन है। सत्य है। इस सद मार्ग को अपना कर अपने जीवन को खुशहाल बना…
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सरदार पटेल- जिन्होंने भारत को एकता के सूत्र में बांधा
आदित्य तिवारी
ब्रिटिश राज के भारतीय लोक सेवक सर जॉन स्ट्रैचे अपने नवसिखुआ लोक सेवकों को संबोधित कर रहे थे ,तब उन्होंने कहा था कि “भारत के बारे में प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण बात यह जानने की है कि वहां कोई भारतीय नहीं है और कभी कोई…
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