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संपादकीय/लेख

स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : आंखें नम हो गईं मेरी ,सदगुरु जब याद आई तेरी

सदगुरु बाबा हरदेव सिंह जी व्यक्तित्व अत्यन्त मनमोहक था। उनके प्रेममय व्यवहार की स्मृतियां हर भक्त के हृदय पटल पर अंकित हैं। बाल - वृद्ध , युवा - प्रौढ़ , स्त्री-  पुरुष  हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेना उनके लिए बहुत सहज सी…
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सदगुरु मुझे राखो अपनी शरण

अखिल ब्रह्माण्ड के नायक हैं राम सदगुरु को सारा संसार देखता है लेकिन इन्हें इस तरह नहीं देखा जाता ।राम को केवल दशरथनंदन देखना राम को देखना नहीं है। राम को अखिल ब्रह्माण्ड नायक देखना राम को देखना है। राम को मानना है तो राम…
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निरंकारी संत समागम सम्पूर्ण विश्व के लिए कल्याणकारी 

सन्त समागम , हरि कथा संसार में अत्यन्त दुर्लभ हैं पर जब सदगुरु की कृपा होती है तो दुर्लभ भी सुलभ हो जाता है। आज सारा संसार एक भयावह स्थिति से गुजर रहा है। एक ही अज्ञात भय सबको सता रहा है कि कहीं कारोना वायरस की…
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जीवन में सच्ची खुशी का आगमन

जीवन में  बहुत कुछ है , अच्छा भी है  बुरा भी है। शरीर सुंदर भी है और असुंदर भी, स्वास्थ्य  अच्छा  भी है और  नासाज़ भी है। जीवन में बुराईयां है पर जीवन बुरा नहीं है। इसलिए जीवन में जो कुछ उत्तम है उसका आनंद लेना  है  और जो अच्छा…
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सुनने का इल्म पैदा कर

मानव प्रभु परमात्मा की उत्तम रचना है। मानव ने ही इस  उत्कृष्टता को कायम रखना  है। पशुओं के बच्चे जन्म लेने के कुछ समय बाद ही चलना शुरू कर देते हैं। पक्षियों के बच्चें कुछ समय अंडों में रहकर बाहर आते हैं और घोंसलों में कुछ वक्त…
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राष्ट्र निर्माण के शिल्पकारों को श्रद्धा से नमन शत शत नमन

व्यक्ति को आदर्श बनाते हैं उसके कर्म महात्मा गांधी बापू और  लाल बहादुर शास्त्री को भारत का नमन भारत देश के दो आदर्श व्यक्तित्वों मोहन दास करमचंद गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म  2 अक्टूबर के दिन  हुआ था। कर्म  ही…
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राष्ट्रपिता मोहनदास कर्मचंद गांधी का जीवन और वर्तमान में इनका महत्व

भारत में मानवता का उगता सूरज महात्मा गांधी के रुप में उदय होता है भारत की धरती पर जनम लेने वाले महान पुरुष में एक नाम राष्ट्रपिता मोहनदास कर्मचंद गांधी का आता है। लोग जिन्हें बापू या महात्मा गांधी के नाम से भी पुकारते हैं। इनके जन्मदिवस को…
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मन को बेहद भाने वाले

वेश भूषा व्यक्तितव को निखारती-  संवारती है। विश्व भर में लोग अनगिनत  प्रकार के वस्त्र पहनते हैं। हर वेश भूषा का अपना आकर्षण है। लोग अपने नन्हे- मुन्ने बच्चों को तरह तरह के वस्त्र पहना कर खुशी हासिल करते हैं। बाबा…
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तेरा एहसास रहे

आत्मबोध कराते समय सदगुरु ने वह सम्पूर्ण ज्ञान  हमें  दिया जो उनके पास था। पूरा का पूरा दिया आधा अधूरा नहीं। परमात्मा द्वारा रचित नौ प्रकृतियां-   सूरज ,चांद, तारे, धरती, पानी, आग ,वायु, जीव, आकाश  के बारे में समझाया और फिर इशारा दे दिया…
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