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काव्यलोक
राम भगत शर्मा की कलम से: भगवान जानते हैं कि मनुष्यों को अधर्म और अत्याचार से किस प्रकार मुक्ति…
राम भगत शर्मा (चंडीगढ़) की कलम से
चंडीगढ़: परमात्मा अपने भक्तों की पुकार सुनकर अवश्य ही उसकी रक्षा करते हैं जिस प्रकार से गणिका महानन्दा की रक्षा करने के लिए महादेव ने एक वैश्य बनकर उसकी रक्षा की और उसके एकादशी के व्रत को पूरा करवाया गया…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: माँ से मिलता है ज्ञान का रसपान
माँ से मिलता है ज्ञान का रसपान
माँ शारदे के चरणो में हर रोज बैठता हूं तब "ज्ञान का रसपान" हर रोज कराती है माँ शारदे मेरी.....
उपासना में बैठता हूं तब हर रोज माँ दर्श दिखलाकर आशिर्वाद देती है मुझे हर रोज माँ शारदे मेरी......
लिखने…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सब कुछ बदल गया……..?
सब कुछ बदल गया........?
मेरा देश नदियों का देश है
पानी का यहां मोल होगा
बोतल में पानी 20/- का बिकेगा
मुझे नहीं पता था....
मेरा देश खेती प्रधान रहा
गोबर खाद से खेती होती थी
खेतों में युरिया खाद बिखेरेंगे
मुझे नहीं पता था....
मेरे…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: लेखक, कवि व पत्रकार बनना नहीं हैं इतना आसान…..?
लेखक व कवि बनना नहीं हैं इतना आसान.....?
यह कथन 100 % सत्य है इसका कारण यह है की हेड लाईन एक मिलती है लिखने के लिए पर उसे कविता में गाने (लिखना) के लिए लिखना बड़ा ही मुश्किल काम होता है, कौनसा शब्द कहा बिठाना यह समझ आने में बर्षो का समय लग…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सत्य को जानो एक को पहिचानो
लेखक की कलम से.....
मैं कौन हूं
हर रोज प्रातकाल व सांयकाल में एक आधा घंटा अपने घर में एकान्त में गर्म आसन(वूलन आसान) पर आंखे बंद कर बैठकर शांत मन से अपने आप से प्रश्न यह करो की मैं कौन हूं, मुझे करना क्या है, मैं किस लिए इस पृथ्वी पर आया…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: शिक्षा ही एक प्रगति का विकल्प
लेखक की कलम से.......
शिक्षा ही समाज विकास का एक महत्वपूर्ण विकल्प है जो समाज को आगे प्रगति पथ पर ले जा सकता है यह समय अब आ चुका है। जो अब समाज को स्विकार करना होगा व इस पर हर माता-पिता को ध्यान देना चाहिए कि वे अपने बच्चों को उच्च…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: श्री विश्वकर्मा मंदिर जवाली
श्री विश्वकर्मा मंदिर जवाली
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मंदिर बनेगा श्री विश्वकर्मा जी भगवान का गांव जवाली जवालेश्वर महादेव मंदिर के पास..........
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मंदीर बणीयो है बड़ भारी
दुनिया देखण आवेला सारी
मिंदर बणगीयो विश्वकर्मा जी रो
गांव जवाली रे पास…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: बुजर्गौ का आदर
श्री विश्वकर्मा मंदिर गौडवाड 84 पट्टी जवाली 75वीं वर्ष गांठ उत्सव
प्रथम प्रणाम गजानन जी ने करु
दूजा प्रणाम करु मारा विश्वकर्मा जी ने
तीजा प्रणाम करु बूजर्गो थाने
चौथा प्रणाम जांगिड समाज ने करु
पांचवा प्रणाम करु समिति वालो ने
थे याद…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कर प्रणाली कैसी हो…..?
राजा को प्रजा से कर (लगान) कैसे अल्प मात्रा में लेना चाहिए,......?
तब महा कवि तुलसीदास जी ने कही बात याद आती है......
बरसत हरषत लोग सब करषत लखै न कोइ
तुलसी प्रजा सुभाग ते भूप भानु सो होइ
राजा को प्रजा से कुछ अंश में कर ऐसे लेना चाहिए…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: ख्यालों में खो जाता हूं
ख्यालों में खो जाता हूं
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कवि हूं कवि.....
कविता गुन गुनाता रहता हूं
नि: शब्द हो जाता हूं....
ऐ सुन मेरी प्यारी कविता
जब मैं अकेला होता हूं तेरे बिना
ख्यालों में खो जाता हूं
जब मैं अकेला होता हूं
मन…
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