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काव्यलोक

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: आवाज बुलंद करो

आवाज बुलंद करो एक ही नारा है हमारा अब तो हमें पानी चाहिए.... हम सब एक है हम सब साथ साथ है आवाज बुलन्द करो हमे पीने का पानी चाहिए.... हमें जीने का मानवी अधिकार आम आदमी का चाहिए कलकारखानों की निर्मिती चाहिए ईन दो हाथो को काम चाहिए…
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घेवरचन्द आर्य पाली की कलम से: पितरो का अपमान वर्तमान मेकाले की शिक्षा का कमाल; वृद्धाश्रम का भारतीय…

लेखक: घेवरचन्द आर्य, पाली अनादि सनातन भारतीय धर्म शास्त्र। भारतीय धर्म शास्त्र- चार वेद, चार उपवेद, चार ब्राह्मण ग्रथ, दस उपनिषद, छ: उपाङ्गः (दर्शन), छ: वेदाङ्गः, तीन सूत्र ग्रथ, एक इतिहास ग्रथ, एक स्मृति ग्रथ, छ: आरण्यक। आदि धर्म शास्त्र…
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दीपक आहूजा वालों की कलम से: जीना काफ़ी नहीं

जीना काफ़ी नहीं जीना काफ़ी नहीं है, उड़ना भी चाहिए, अपने निज स्वभाव से, जुड़ना भी चाहिए। जो पंछी होता तो, ईश्वर के नगर ही जाता, कुछ नयी ऊँचाइयों को, यह हृदय पा जाता। जीना काफ़ी नहीं है, अंदर डूबना भी चाहिए, प्रेम की इन लहरों से, जूझना…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: संगत का फल

संगत आदमी को जीरो से हिरो बना सकती है केवल ज्ञानी, व संस्कारी लोगों के सहवास से..... ✍ लेखक की कलम से...... मन का एक विक पोईन्ट यह है की आप जो रोज रोज देखते हो, बोलते हो, सुनते हो, खाते हो, पीते हो बस यही दृष्य मन बार बार देख व सुन लेता…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: प्री-वेडिंग नहीं है रित हमारी

✍ लेखक की कलम से....... वर्तमान के युग में प्रचार-प्रसार के अनेकों माध्यम के द्वारा अनेक सांस्कृतिक रिती-रिवाजों का आदान-प्रदान बड़ी ही तेजी से हो रहा है इसमे कुछ भी संदेह नहीं है, ओर यह संदेह होना भी नहीं चाहिए कारण खुलम खुला समाज,…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: नेत्र, जिह्वा के शौक है हजार; नशा है हि सर्व…

लेखक की कलम से.... नेत्र जिह्वा के शौक है हजार..... नेत्र व जिह्वा के शौक यह दृष्टी सुख व स्वाद रस की पूर्तता कराने वाले शौक है जो अमली पदार्थों के शौक की श्रैणी में नहीं आते है पर यह शौक भी हम नहीं किसी से कम वाले शौक ही है, जब तक यह…
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घेवरचन्द आर्य पाली की कलम से: सामाजिक कुरितियों के विरूद्ध 103 वर्षीय दादी लक्ष्मीदेवी का शंखनाद

लेखक: घेवरचन्द आर्य पाली की कलम से लक्ष्मीदेवी का सक्षिप्त परिचय नाम- तीजा उर्फ लक्ष्मीदेवी पिता का नाम- माधोराम जन्म तिथि- विक्रम संवत् 1977 कार्तिक शुक्ल तीज शुक्रवार दिनांक 12 नवम्बर 1920 जन्म स्थान- दयालपुरा जिला पाली, राजस्थान…
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राम भगत शर्मा की कलम से: महादेव ने नटेश्वर और गणेश जी ने नटेश बन कर कालप्रीत के अज्ञानता के अंधकार…

चंडीगढ़: जीवन में जिस किसी को भी सर्वेश्वरदयाल परमात्मा के नाम की लगन लग गई है उसके ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं और ऐसे परम भक्त को इस सांसारिक रुपी मोह माया के जाल से सहज रूप से ही विरक्ति होने लगती है और ऐसे भक्त का भाग्य उदय होना शुरू हो जाता…
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दीपक आहूजा की कलम से: हृदय की वेदना

हृदय की वेदना कोई धड़कनें न सुन ले, हृदय की वेदना संभालिए, पाषाण बन के बैठ कर, मन की तृष्णा मिटाइए। कभी स्थिर, कभी विचलित, बदलती यह हर-पल, प्रियतमा की राह तकते, सिमट जाए यह सकल। भीषण प्रहार कर रहीं, विगत स्मृतियों की आँधियां,…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: गौडवाड़ के कवि से मिलने कभी भी गूगल पर आ जाओ, आपका स्वागत…

हर पल हर घड़ी हाजिर मिलेगा आपकी सेवा में आपका यह सेवक कवि........ "ज्ञान ज्योति दर्पण की वेवसाईड" के किवाड़ खोलना ना भूले..... कवि निवेदन.... ⬇ नाम दलीचंद जांगिड बतावे गांव खौड जिला पाली बतावे गौडवाड़ जांगिड समाज रो बेटो बतावे कविता…
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