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काव्यलोक

अशोक शर्मा की कलम से: हारा हूँ, मरा नही हूँ मैं

बादलो से घिरा हुआ हूँ,क्षितिज अम्बर में ढला नही हूँ मैं। हारा हूं, मरा नही हूँ मैं। 1. द्वंद ओरो से नही मुझ से हैं, उत्तेजना से संयम का लड़ना मुझ में हैं। राहो की ठोकरों से संभलना मुझको हैं, माना थपेड़े खाये हैं समय के, इन थपेड़ो से टूटा…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: टूटते परिवारों की कहानी

✍️ लेखक की कलम से...... प्राचीन काल प्राचीन समय में संयुक्त परिवारों (बड़े परिवार) की थोड़ी बात कर लेते है फिर बात करेंगे वर्तमान के बिखरते (टूटते परिवार) परिवारों की वह बिखरते परिवारों की कहानी को भी समजेंगे सविस्तार से...... प्राचीन…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि अमर कहानी का नाम है

कवि अमर कहानी का नाम है ======================= कवि को कभी अलविदा ना कहते मेरे भाई कवि अमर कहानी का नाम है कवि अमिट साक्षी बन आया है धरातल पर कवि अमृत प्याली भर लाया है कविता की कवि भले पंचतत्वों का पूतला है मेरे भाई कवि अमर शब्दों…
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पाली/राजस्थान: दो दिवसीय गणेश चतुर्थी महोत्सव पाली में कविराज दलीचंद जांगिड़ को किया सम्मानित

पाली/राजस्थान: गणेश चतुर्थी महोत्सव को लेकर दो दिवसीय आयोजन श्री विश्वकर्मा जांगिड़ समाज जवाली के तत्वाधान में पाली शहर समाज भवन से विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जिसका रूट सूरजपोल होकर नया बस स्टैंड हाॅटेल पणिहारी से होकर रामासिया गुंदोज…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कानूड़ा वेगो वेगो आव

कानूड़ा वेगो वेगो आव ======================= पेला मिनकों ऊपर आवियो कोरोना रे अब संकट भारी आयो है रे सगळा गऊ माता पर रे उभी अर्ज करे गऊ माँ थाने रे काना कागदियो लिख भेजू थाने रे कानूड़ा वेगो वेगो आव रे थू तो गायो रो ग्वालो है रखवाल…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: चालो जी चालो रामदेवरा

चालो जी चालो रामदेवरा ##################### 🏃🏾‍♂️दर्शन करवा चालो जी राम देवजी के धाम गांव रामदेवरा रा माएं जठै रुणिचा रा राज बिराजे अठै जीणी जीणी उड़े है गुलाल थाने तो धावै है आखो मारवाड़ धावै है आखो गुजरात जी धीरत चूरमा रों भोग…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: अषिम कृपा विश्वकर्मा भगवान की सातारा विश्वकर्मा मंदीर

अषिम कृपा विश्वकर्मा भगवान की सातारा विश्वकर्मा मंदीर चालोजी चालो चालो म्हारा भईड़ा रे चालो चालो विश्वकर्मा जी रे धाम ओ धाम केवाऐ सातारा मंदीर पेंडसे काँलनी गेंडामाल रा माये अठै लोक लुगाईयो हाथ जोड़ करे विश्वकर्मा जी सू प्रार्थना…
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मुल्क राज आकाश की कलम से: उच्च शिखर पर वहीं पहुंचते जिनके काम महान है

उच्च शिखर पर वहीं पहुंचते जिनके काम महान है इसके पीछे मत पूछो तुम अनगिनत बलिदान हैं कितने ही संघर्षों से विजय श्री को पाया है इच्छाओं की कुर्बानी देकर फिर यह नाम कमाया है ऐसे ही लोगों का होता हर दिल में सम्मान है पहली पंक्ति के श्रेष्ठ…
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ममता शर्मा की कलम से: थू बांबी में हाथ घाल मैं मंत्र पढू

पाली/राजस्थान: समाज व्यक्ति का सबसे अच्छा मगर्दर्शक होता हैं। परिवार के बाद एक व्यक्ति समाज से सबसे ज्यादा प्रभावित होता हैं। समाज में रहने उठने बैठने का सलीका व्यक्ति समाज से बेहतर तरीके से सिखता हैं। जिससे सोसियल लाइफ स्ट्रांग होती हैं।…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: व्यापारी से बना कवि

🌺|| व्यापारी से बना कवि ||🌺 G.S.T के पहले मैं एक सुप्रसिद्ध व्यापारी था G.S.T ने मुझे कवि बना दिया जब से G.S.T आया तब से व्यापार को अर्जेंट ब्रेक लगा दिया समय का सदुपयोग करो सुन रखा था छोटी आयु में गुरु से इस कारण कविता लिखना…
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