Browsing Category

हमारे लेखक

घेवरचन्द आर्य की कलम से: 17 सितम्बर भगवान् विश्वकर्मा पूजा दिवस पर विशेष लेख

संसार के प्रथम वैज्ञानिक विश्वकर्मा का पूजा अर्थात् सम्मान दिवस है 17 सितम्बर विश्वकर्मा पूजा दिवस प्रतिवर्ष कन्या सक्रांति को सितम्बर महीने की 17 तारीख को बिहार झारखंड कर्नाटक ओडिशा एवं विशेषकर उत्तर भारत मे उल्लास एवं विधि के अनुसार…
Read More...

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: हिन्दी दिवस

हिन्दी में लिखी गई कविताओं का अपना अलग से एक स्थान होता है। उर्दू मे गीत गझल नगमे शेर शायरी यह उनकी जगह पर है दोनो के श्रौता गण भी अलग से है। *पर हिन्दी की क्या बात करु, जब भी हिन्दी में कविता लिखता हूं तब जो मां के गोद मे नन्हा सा बालक…
Read More...

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: जिद्द ओर परिश्रम

✍ लेखक की कलम से.... जिद्द ताकतवर हो ओर भरपुर साथ मिले परिश्रम का तो कोई काम मुश्किल नही होता है..... पहली बार में सफलता नही मिले तो भी चिन्ता मत किजीये। प्रत्येक प्रयत्नेन सम्भवत : सफलता न प्रान्पोति। किन्तु प्रत्येक सफलताया :…
Read More...

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: समाज जाजम की महिमा

✍ लेखक की कलम से...... समाज की जाजम महान् होती है.. सारा समाज जहा एक साथ आम सभा का आयोजन करता है, वह समाज के सभी आदरणीय बैठते है, वह अनेक समाज हित के निर्णय लिए जाते है, वहा पर जो आसन की व्यवस्था की जाती है वह समाज की जाजम कहलाती है।…
Read More...

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं भारत का रहने वाला हूं….

मैं भारत का रहने वाला हूं.... 3 चन्द्र यान के साँफ्ट लैंडिंग पर जांगिड कवि की खुशी का नहीं रहा एक ठीकाना, वह तो कहने लगा अब तो सारे भ्रमांड का भ्रमण करुंगा ओर दुनिया वालों से कहूंगा...... 🎤 मैं भारत का रहने वाला हूं, भारत के गीत चंदा…
Read More...

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं चांद का निवासी हूं, भारत का रहवासी हूं….

मैं चांद का निवासी हूं , भारत का रहवासी हूं.... 3 चन्द्र यान क्या कह रहा है.....? ओ सुनो मेरे भारत वासी.....✅ मैं 24 अगस्त से चांद का निवासी हूं , भारत का रहवासी हूं..... ईसरो श्री हरिकोटा मेरा घर है, विशाल भारत मेरा देश है!!…
Read More...

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: घर ग्रस्ती में आपका स्थान कहा व कितना है…?

✍ लेखक की कलम से......"सामाजिक लेख" संसारिक दुनिया में आपके घर में आपका स्थान (हक्क) कितना व कहा पर है, यह हकीकत समय गुजरने के बाद जरुर ध्यान में आती है पर चलते समय को भापना भी हित का होता है। जब तक आप अकेले है वह घर में बड़े है तब तक…
Read More...

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि, साहित्यकार, पत्रकार और पत्रकारिता की परिभाषा

समाज को क्यूँ जरुरत है कवि, साहित्यकारों की, जानिए एक लेखक के विचार..... कवि, साहित्यकार एक प्रबुद्ध ज्ञानी विचार धारा होती है जो समाज में चल रहे रिती रिवाजों व नियमों के अनुरूप ही अपनी लेखनी से कागज पर अंकित कर समाज के सामने पेश कर देता…
Read More...

घेवरचन्द आर्य पाली की कलम से: आह… शोक! महा शोक!! …. 103 वर्षीया लक्ष्मीदेवी का महा…

पाली: सायल परिवार, केरला गाँव, जांगिड़ समाज और सामाजिक संगठनो की अपूरणीय क्षति। हर किसी छोटे बडे व्यक्ति से अपनत्व और पुत्रवत प्रेम करने वाली, जुझारू, कर्मठ, प्यार स्नेह एवं स्वाभिमान का साकार रूप, जन-जन की प्रिय, जिसके श्वास प्रश्वास मे…
Read More...

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद

रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद ............................................................... रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है। उलझनें अपनी बनाकर आप हीफॅसता, और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है। जानता…
Read More...