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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: प्रगति का मूल मंत्र
✍️ लेखक की कलम से.......
जन्म स्थान पर पढ़ाई पूरी कर लो, संस्कार अपने माता पिता व गुरुजनों से सिखो व आयु के 18 से 21 वर्ष तक की आयु सीमा तक जन्म स्थान छोड़कर आप, 400 कि.मी,800 कि.मी.,1200 कि.मी.तक बाहर बड़े शहर में की ओर आय के लिए अवश्य…
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अशोक शर्मा की कलम से: शक्ति से शक्ति का वर
शक्ति से शक्ति का वर
महिसासुर का मर्दन करने वाली
रक्तबीज का रक्त पीने वाली
शुम्भ,निशुम्भ का संहार करने वाली
विश्व विजय की शक्ति का वर दे
जगजननी- जगदम्बा शक्ति का वर दे।
दे वर भारत को अखण्ड बनाने का
विश्व गगन पर केसरिया लहराने का…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: फिजूल शक मत करना
फिजूल शक मत करना
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दीये का काम है जलना
हवा ने बै वजह शंका पाल रखी है
दीये का काम है अंधेरे को हटाना
हवा ने बै वजह दीये से दुश्मनी पाल रखी है
दीये की लड़ाई अंधेरे के साथ है
हवा ने बै वजह उसे बुझाने की मन मे ठान…
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कवि प्रकाश चन्द जांगिड़ “पिड़वा” पाली की मारवाड़ी कविता: हाचि-हाचि केऊ
हाचि-हाचि केऊ
ने मौज में रेउ,
छापाक ऊना-ऊना देउ,
निंदा करे नाजोगा,
ने के करे गाँव रा बोगा,
ओपोरे तो मस्त रेणों
ने नी करणी फालतू री देणों,
करणीया करणी करे,
वे तो उँदा-उँदा इज मरे,
नेकी माते हालणियो,
एडा कोम ने रोम ऊ डरे,…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: दो आंखो से मैंने देखा
दो आंखो से मैंने देखा
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दो आंखो से मैंने देखा
देश देखा, प्रदेश देखा
देखी रंग बिरंगी दुनिया
देखा हर जांगिड समाज गुरुप को
सब चेहरों पर नजर गुमाई
सब अपने अपने लगने लगे
ह्रदय से प्रेम उचल पड़ा
जय श्री विश्वकर्मा जी की कहना…
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सोनीपत: आढतियों की नहीं सुनी तो सरकार को भुगतना भरना पड़ेगा: शर्मा
अजीत कुमार।
गन्नौर/सोनीपत: हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि सरकार आढ़तियों व किसानों के बीच खाई पैदा करना चाहती है। आढ़तियों की तमाम मांगें किसानों के हक में है। यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आढ़तियों के…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: व्हाट्स अप एक विश्वविधालय है
व्हाट्स अप एक विश्वविधालय है साथ ही फैश बुक उसी की बड़ी शाखा है सो इसमे डाले जाने वाले आपके मॅसेज हजारो हजारो लोग पढ़ते है इसीलिए हर मैसेज ज्ञान वर्धक हो या समाज हित का हो इसका विशेष ध्यान हर किसी को रखना चाहिए, राजनीतिक, अंध विश्वास फैलाने…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: जांगिड़ ब्राह्मण समाज का नारा
जांगिड़ ब्राह्मण समाज का नारा
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विकास , विकास , ओर सिर्फ विकास
अब करेंगे विकास की ओर प्रस्थान
अब हमे चाहिये सिर्फ विकास.........
वाद विवादो से हुऐ हम परेशान
वाद विवादो का युग अब बित चुका है
अब विकास का युग…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: काम अमर कर दीनो
काम अमर कर दीनो
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घर घर में गूंजे नाम
श्री विश्वकर्मा भगवान रो
पूजा पाठ हर रोज कर
करे शुरुआत आपणे काम धन्धा री
गौडवाड गांव 84 पट्टी रो
मंदिर जवाली मे है बड़ भारी
उठे भोजनशाला बड़ भारी बणाई…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: संगठन निर्माता बनना कितना मुश्किल काम है ?
स्वार्थ से परमार्थ की ओर.......................
स्वहित से हटकर परहित की भावना जब किसी के ह्रदय से उठकर जुबा पर आती है तब किसी ना किसी प्रकार के संगठन या फिर संस्था का जन्म होता है। वह व्यक्ति उसमे अपने को बहा ले जाता है।
हर पल संगठन को…
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