बड़ी कार्रवाई: सोनीपत की पुरानी एटलस फैक्ट्री को सील किया
नगर निगम के अधिकारी राजेंद्र सिंह चुघ बताया कि फैक्ट्री को पहले सील किया गया था। लेकिन उन्हें सूचना मिल रही थी कि फैक्ट्री से चोरी छुपे सामान को बाहर निकाला जा रहा है।
- फैक्ट्री पर नगर निगम का एक करोड़ 17 लाख रुपए बकाया
- सोनीपत की पुरानी और नामचिन फैक्ट्री को किया सील
- एटलस साइकिल फैक्ट्री के प्रत्येक दरवाजे को किया सील
सोनीपत: सोनीपत की पुरानी साइकिल की एटलस फैक्ट्री एक बार फिर चर्चा में आ गई है। मंगलवार को नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स एक करोड़ 17 लाख रुपए एटलस फैक्ट्री पर बकाया है। नगर निगम के अधिकारी राजेंद्र सिंह ने टीम के साथ एटलस फैक्ट्री के प्रत्येक दरवाजे को सील कर दिया है।
एटलस फैक्ट्री पर नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्सी लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्तमान समय में नगर निगम का एक करोड़ 17 लाख रुपए बकाया है। वही प्रॉपर्टी टैक्स अदा न करने की सूरत में नगर निगम द्वारा एटलस फैक्ट्री को सील किया गया था। नगर निगम के अधिकारी राजेंद्र सिंह चुघ बताया कि फैक्ट्री को पहले सील किया गया था। लेकिन उन्हें सूचना मिल रही थी कि फैक्ट्री से चोरी छुपे सामान को बाहर निकाला जा रहा है।
इसलिए मंगलवार को एक बार फिर फैक्ट्री में जाकर प्रत्येक दरवाजे को दोबारा से सील किया गया है। ताकि फैक्ट्री से कोई भी सामान बाहर ना निकल सके। एक समय एटलस साइकिल की बाजार में बड़ी मांग थी। लेकिन समय बदला साइकिल की डिमांड धीरे-धीरे कम हुई और फैक्ट्री बंद हो गई। एेसे हालात हुए कि नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स से को भी अदा करने में फैक्ट्री संचालक असमर्थ हो गए।
जानकारी के मुताबिक 1951 में जानकी दास कपूर ने एटलस साइकिल कंपनी की शुरुआत एक टिन शेड में साइकिल की गद्दी बनाने से की थी। उन्होंने एक ऐसी साइकिल बनाने का सपना देखा, जो लोगों के बजट में आ सके। इस तरह एटलस साइकिल इंडस्ट्रीज की नींव पड़ी। वर्ष 1952 में कंपनी ने पहली साइकिल तैयार की। इसी साल फैक्ट्री का विस्तार हुआ और 25 एकड़ में काम होने लगा। पहले साल 12 हजार साइकिल तैयार हुई। एटलस साइकिल की मांग बढने लगी थी लेकिन अब एटलस साइकिल फैक्ट्री गर्त में जा चुकी है।
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