सोनीपत: “हर क्षण में निरंकार की अनुभूति; आध्यात्मिक जागृति से सच्चे जीवन की ओर”: सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

सतगुरु माता जी ने अपने प्रवचनों में फरमाया कि नववर्ष केवल तिथि या संख्या का परिवर्तन नहीं है, बल्कि आत्मिक जागरूकता का एक नया अवसर है। निरंकार ने सृष्टि की रचना की है और समय को सार्थक बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। हर क्षण को निरंकार की अनुभूति से जोड़ना ही सच्चा जीवन है।

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दिल्ली, राजन गिल: ‘‘निरंकार को हर कार्य में सम्मिलित कर आत्मिक शांति और सच्ची खुशी का विस्तार संभव है।’’ यह प्रेरणादायक वचन निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने नववर्ष के शुभ अवसर पर दिल्ली स्थित ग्राउंड नम्बर 8, निरंकारी चैक, बुराड़ी रोड में आयोजित विशेष सत्संग समारोह में व्यक्त किए। इस आध्यात्मिक आयोजन में दिल्ली, एन.सी.आर. सहित विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और सतगुरु माता जी एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सान्निध्य में नववर्ष का स्वागत किया।

Sant Nirankari Mission: "Experience Nirankari in Every Moment; From Spiritual Awakening to True Life": Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj
संत निरंकारी मिशन: “हर क्षण में निरंकार की अनुभूति; आध्यात्मिक जागृति से सच्चे जीवन की ओर”: सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

हर क्षण को सार्थक बनाने का संदेश
सतगुरु माता जी ने अपने प्रवचनों में फरमाया कि नववर्ष केवल तिथि या संख्या का परिवर्तन नहीं है, बल्कि आत्मिक जागरूकता का एक नया अवसर है। निरंकार ने सृष्टि की रचना की है और समय को सार्थक बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। हर क्षण को निरंकार की अनुभूति से जोड़ना ही सच्चा जीवन है।

उन्होंने बताया कि सच्ची खुशी केवल निरंकार में समाहित है। हमें अपने जीवन को ऐसा ढालना चाहिए कि हर कार्य और हर पल में निरंकार की महत्ता का अनुभव हो। सेवा, सुमिरण और संगत का वास्तविक अर्थ तभी प्रकट होता है, जब इसे सच्चे दिल और समर्पण से अपनाया जाए।

Sant Nirankari Mission: "Experience Nirankari in Every Moment; From Spiritual Awakening to True Life": Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj
संत निरंकारी मिशन: “हर क्षण में निरंकार की अनुभूति; आध्यात्मिक जागृति से सच्चे जीवन की ओर”: सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

सत्य की ओर प्रेरित जीवन
इससे पूर्व, निरंकारी राजपिता जी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में परमात्मा के प्रति जिज्ञासा कम होती जा रही है। यह स्थिति तभी सुधर सकती है, जब हमारे जीवन में परमात्मा का प्रेम और सच्चाई झलके। सतगुरु का ज्ञान केवल शब्दों तक सीमित न रहे, बल्कि यह हमारे जीवन की हर क्रिया में प्रकट हो।

उन्होंने कहा कि सेवा, सुमिरण और संगत के बिना भक्ति अधूरी है। ऐसा जीवन जीना चाहिए जो समाज के लिए प्रेरणादायक बने और सभी को सत्य के मार्ग की ओर प्रेरित करे।

नववर्ष का आध्यात्मिक संकल्प
सतगुरु माता जी ने श्रद्धालुओं को प्रेरित किया कि वे अपने भीतर की कमियों को सुधारें और अच्छाइयों को अपनाएं। मानवीय गुणों से युक्त जीवन ही सच्चा जीवन है। हर कार्य में निरंकार को शामिल करना और अपने अनुभवों से सीखते हुए दूसरों के लिए प्रेरणा बनना ही नववर्ष का वास्तविक संदेश है।

कार्यक्रम के समापन पर सतगुरु माता जी ने सभी श्रद्धालुओं को सुख, समृद्धि और आनंदमय जीवन की शुभकामनाएं प्रदान कीं। इस पावन सत्संग में उपस्थित सभी श्रद्धालु आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर धन्य हुए।

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