सोनीपत: सोनीपत में लगा नन्हें वैज्ञानिकों का पांच दिवसीय महाकुंभ
उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर से 25 -25 विद्यार्थी प्रदर्शनी में शामिल होने आए हैं। धार्मिक आस्था का केंद्र महाकुंभ जहां 12 साल बाद आता है तो यहां 30 साल बाद हरियाणा को विज्ञान प्रदर्शनी के रुप में नन्हें वैज्ञानिकों का महाकुंभ लगा है। यहां 250 स्टॉल लगाई गई हैं।
- सोनीपत में पांच दिवसीय नेशनल बाल विज्ञान प्रदर्शनी का शुभारंभ हरियाणा राज्यपाल बंडारू ने किया
- नन्हें वैज्ञानिकों द्वारा 250 स्टॉल लगाई गई
सोनीपत, अजीत कुमार: सोनीपत में गुरुवार को 51वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी के रुप में नन्हें वैज्ञानिकों का महाकुंभ आरंभ हो गया है हरियाणा प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने इसको आरंभ किया। प्रदर्शनी में हरियाणा से 50 विद्यार्थी शोध में हिस्सा ले रहे हैं। वहीं तेलंगाना से भी 26 विद्यार्थी हैं। उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर से 25 -25 विद्यार्थी प्रदर्शनी में शामिल होने आए हैं। धार्मिक आस्था का केंद्र महाकुंभ जहां 12 साल बाद आता है तो यहां 30 साल बाद हरियाणा को विज्ञान प्रदर्शनी के रुप में नन्हें वैज्ञानिकों का महाकुंभ लगा है। यहां 250 स्टॉल लगाई गई हैं।
विज्ञान प्रदर्शनी के शुभारंभ मौके पर महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि 51वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का शुभारंभ करते गर्व महसूस कर रहा हूं। शोध करने वाला विद्यार्थी बाद में है और ध्यान से सुनने वाला विद्यार्थी आगे बढ़ेगा। बिना ध्यान के आगे नहीं बढ़ा जा सकता। अन्य राज्यों से आए हुए छात्रों से राज्यपाल ने आह्वान किया कि वे हरियाणा की संस्कृति को सीखने का प्रयास करें।
राज्यपाल ने कहा कि सभी के मन में यह रहना चाहिए 140 करोड़ लोग सभी भारतीय हैं, धर्म जातियों को छोड़कर आगे बढ़ने का बहुत अच्छा मौका है। बाल विज्ञान प्रदर्शनी की थीम हेल्थ लाइफ, कृषि, कम्युनिकेशन, ट्रांसपोर्ट और कंपटीशन थिंकिंग पर रखी गई है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया और इलेक्ट्रिसिटी बल्ब आविष्कार के बारे में थॉमस एडिसन पर सवाल पूछे।
राज्यपाल ने कहा कि थॉमस ने 9999 बार प्रयास किया था। नया प्रयोग करने के दौरान निराशा में मन में नहीं होनी चाहिए। रिजल्ट आने तक शोध करते रहना चाहिए। साधना जितनी करोगे, सफलता की राह उतनी ही आसान होगी। जिज्ञासा, इनोवेशन और नवाचार होना चाहिए, तीनों सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमारी शिक्षा नीति में इंजीनियरिंग भी मातृभाषा में पढ़ाने को लागू करने वाले हैं। केंद्र सरकार देश में 2030 तक नई शिक्षा नीति को लागू करेगी।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने महामहिम राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश से 10 हजार बच्चे प्रतिदिन प्रदर्शनी में पहुंचेंगे। भारत क़े ज्ञान, विज्ञान, कौशल पर दुनिया भी फक्र कर रही है। आपकी बुद्धि और कौशल का दुनिया में कोई मुकाबला नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हमारे देश के बच्चे सांइंस से नई सोच के साथ बड़ा काम करने वाले हैं। 2047 तक विकसित भारत बनाकर विश्व गुरु बनाएंगे।
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