रूस की बड़ी कामयाबी: रूस ने कैंसर के लिए mRNA वैक्सीन बनाई; 2024 से नागरिकों को मिलेगी मुफ्त वैक्सीन

डायरेक्टर आंद्रेई कप्रीन ने कहा कि इस वैक्सीन को कैंसर के खिलाफ सदी की सबसे बड़ी खोज माना जा रहा है। क्लिनिकल ट्रायल में यह पाया गया है कि यह वैक्सीन ट्यूमर के विकास को रोकने में मदद करती है और मरीजों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है।

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रूस ने कैंसर के इलाज में बड़ी सफलता हासिल करते हुए अपनी पहली mRNA वैक्सीन विकसित कर ली है। रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर आंद्रेई कप्रीन ने रेडियो पर बताया कि इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल सफल रहे हैं। रूसी न्यूज एजेंसी TASS के मुताबिक, यह वैक्सीन 2024 से रूस के नागरिकों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी।

वैक्सीन से ट्यूमर के विकास को रोकने में सफलता
डायरेक्टर आंद्रेई कप्रीन ने कहा कि इस वैक्सीन को कैंसर के खिलाफ सदी की सबसे बड़ी खोज माना जा रहा है। क्लिनिकल ट्रायल में यह पाया गया है कि यह वैक्सीन ट्यूमर के विकास को रोकने में मदद करती है और मरीजों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है।

पुतिन का बड़ा ऐलान
इस साल की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस कैंसर की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब है। अब यह सपना साकार हो चुका है।

क्या है mRNA वैक्सीन?
mRNA या मैसेंजर RNA, इंसानी जेनेटिक कोड का एक हिस्सा है, जो कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है। यह तकनीक शरीर के इम्यून सिस्टम को वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने के लिए तैयार करती है। इससे जल्दी वैक्सीन बनाना संभव होता है और इम्युनिटी मजबूत होती है। mRNA तकनीक पर आधारित यह कैंसर की पहली वैक्सीन है।

भारत में कैंसर के हालात
भारत में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। 2022 में देश में कैंसर के 14.13 लाख नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें 7.22 लाख महिलाएं और 6.91 लाख पुरुष शामिल थे। कैंसर से 9.16 लाख लोगों की मौत हुई।

कम उम्र में कैंसर का खतरा बढ़ा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक, अगले 5 सालों में भारत में कैंसर के मामलों में 12% की वृद्धि होने की संभावना है। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, कम उम्र में कैंसर के बढ़ते मामलों की बड़ी वजह खराब लाइफस्टाइल है।

कैंसर के सबसे सामान्य प्रकार
भारत में ब्रेस्ट, मुंह, गर्भाशय, और फेफड़ों के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा हैं। ग्लोबल कैंसर ऑब्जरवेटरी के अनुसार, 50 साल से पहले ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और थायराइड कैंसर के मामले अधिक देखे जा रहे हैं।

रूस की खोज से उम्मीदें बढ़ीं
रूस की इस खोज से कैंसर के इलाज में नई संभावनाएं खुली हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी साबित हो सकती है।

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