सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दी, मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश पर रोक

केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और 10 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। उन्होंने 2 जून को आत्मसमर्पण किया था और तब से जेल में थे।

Title and between image Ad

नई दिल्ली, (अजीत कुमार): सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जमानत दे दी, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश और फाइलों पर हस्ताक्षर करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल को ₹10 लाख का जमानती बॉन्ड और समान राशि की दो जमानतें जमा करने पर राहत दी।

केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और 10 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। उन्होंने 2 जून को आत्मसमर्पण किया था और तब से जेल में थे।

जमानत की शर्तें:

  • ₹10 लाख का जमानती बॉन्ड।
  • केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
  • उन्हें अदालत के आदेश के बिना ट्रायल में उपस्थित रहना होगा।
  • जमानत के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में प्रवेश नहीं कर सकते।
  • फाइलों पर हस्ताक्षर सिर्फ लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी के लिए आवश्यक होने पर कर सकते हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि लंबी कैद स्वतंत्रता के अनुचित हनन के बराबर है।

न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की टिप्पणी
न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां ने सीबीआई की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और इसे “न्याय का मजाक” करार दिया। उन्होंने कहा कि जब केजरीवाल को ईडी मामले में जमानत दी गई थी, तो सीबीआई द्वारा उन्हें हिरासत में रखना उचित नहीं था।

जमानत नियम और गिरफ्तारी पर विवाद
हालांकि जमानत देने के फैसले पर दोनों न्यायाधीश सहमत थे, लेकिन केजरीवाल की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी की वैधता पर मतभेद थे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने गिरफ्तारी को वैध माना, जबकि न्यायमूर्ति भुइयां ने इसे अनावश्यक और प्रताड़ना करार दिया।

केजरीवाल की दो याचिकाएं
अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और जमानत न मिलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं।

Connect with us on social media
Leave A Reply