सोनीपत: ओलंपियन पहलवान निशा दहिया का झरोठ गांव में स्वागत

ककरोई ग्रामवासियों ने 1 लाख 25 हजार रुपए की राशि से बेटी का स्वागत किया। निशा दहिया ने कहा कि वे किस्से कहानियों में सुनती थी कि पानीपत जिले में जो उनका गांव अदियाना हैं व झरोठ-झरोठी से आकर यहां बसा हुआ है।

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हाइलाइट्स

  • निशा पहलवान ने भी एक लाख रुपए की राशि गौशालाओं व धार्मिक स्थलों को भेंट की

 

सोनीपत, (अजीत कुमार): पेरिस ओलंपिक में खेल के दौरान चोट लगने से घायल हुई निशा दहिया इलाज कराने के बाद झरोठ गांव में पहुंची जहां पर ग्रामीणों ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए करीब 21 लाख रुपए की नगद राशि के साथ साथ चांदी के मुकुट से स्वागत किया।

Sonipat: Olympian wrestler Nisha Dahiya welcomed in Jharoth village.
सोनीपत: पहलवान निशा दहिया का स्वागत करते ग्रामीण।

रविवार को स्वागत समारोह में झरोठ, झरोठी व आनंदपुर गांव की तरफ से 6 लाख 51 हजार रुपए की राशि से निशा दहिया का स्वागत किया गया। ककरोई ग्रामवासियों ने 1 लाख 25 हजार रुपए की राशि से बेटी का स्वागत किया। निशा दहिया ने कहा कि वे किस्से कहानियों में सुनती थी कि पानीपत जिले में जो उनका गांव अदियाना हैं व झरोठ-झरोठी से आकर यहां बसा हुआ है। उनके पूर्वज योद्धा होते थे। आज इस गांव में पहुंचकर उन्हें जो मान सम्मान एवं खुशी मिली है, इसको वे बयां नहीं कर सकती। वे भविष्य में कभी भी अपनी दहिया खाप, गांव के मान सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने देंगी। निशा पहलवान ने भी एक लाख रुपए की राशि गौशालाओं व विभिन्न धार्मिक स्थलों को भेंट की। तीनों गांवों के सरपंच राम सिंह, जोगेंद्र सिंह, प्रलाद, सुरेंद्र, कर्मबीर फौजी ककरोई, मोनिका दहिया, दलेल सिंह दहिया, सोमबीर आर्य, मंजीत दहिया सहित विभिन्न ग्रामीण उपस्थित रहे।

Sonipat: Olympian wrestler Nisha Dahiya welcomed in Jharoth village.
सोनीपत: पहलवान निशा दहिया का स्वागत करते ग्रामीण।

ओलंपियन पहलवान निशा दहिया ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में पहली बाउट वे जीत चुकी थी, दूसरी बाऊट में उनका कंधा उतर गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। वे कुश्ती लड़ती रही तो उनका कंधा दोबारा से उतर गया। उसकी एक उंगली में भी फ्रेक्चर हो गया था। उसे चोट नहीं लगती तो वे देश के लिए पदक लेकर आती। लेकिन वे इस पल से मायूस नहीं हुई हैं। उनका कंधा ठीक होता है वे दोबारा से मैट पर उतरेगी, कुश्ती लड़ेंगी और इस बार वे बहुत ज्यादा मेहनत करके देश को पदक दिलाएगी। निशा दहिया ने ऐलान किया कि मैडल जीतने के बाद वे सबसे पहले इसी गांव में आएंगी और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेंगी।

 

 

 

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