सोनीपत: जीव-जंतु पृथ्वी के श्रृंगार, हमें उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए: श्यो प्रसाद
श्यो प्रसाद ने कहा, "प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के जीव-जंतु दिए हैं जो मानव कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि जीव-जंतु समाप्त हो जाएंगे, तो हमारी पृथ्वी श्मशान की तरह हो जाएगी।" उन्होंने पक्षियों के कीट नियंत्रण, वन पुनर्चक्रीकरण और कृषि में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
सोनीपत, (अजीत कुमार): हरियाणा के महमूदपुर चहल गांव में सरपंच किरण रानी की अध्यक्षता में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड के जिला समन्वयक श्यो प्रसाद ने जीव-जंतुओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जीव-जंतु ही पृथ्वी के श्रृंगार हैं और उनकी उपेक्षा से हमारी धरती संकट में पड़ सकती है।
जीव-जंतुओं का महत्व
श्यो प्रसाद ने कहा, “प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के जीव-जंतु दिए हैं जो मानव कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि जीव-जंतु समाप्त हो जाएंगे, तो हमारी पृथ्वी श्मशान की तरह हो जाएगी।” उन्होंने पक्षियों के कीट नियंत्रण, वन पुनर्चक्रीकरण और कृषि में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
रासायनिक प्रदूषण से संरक्षण
उन्होंने धरती को रसायनों से बचाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा, “कृषि में रासायनिक खाद का उपयोग तुरंत बंद करना हमारी भलाई है। इसके स्थान पर जैविक खेती को अपनाना चाहिए।” श्यो प्रसाद ने गोबर के खाद और फसलों के अवशेष को खेत में छोड़ने की सलाह दी।
जैविक खेती की ओर वापसी
“कीट-पतंगों को मारने के लिए नीम, करंज, महुआ की खल्ली या तेल का छिड़काव किया जा सकता है। विकल्प आसान हैं, लेकिन हमें उन्हें अपनाना होगा।” उन्होंने कहा, “कम समय में अधिक फसल उगाने के प्रयास में हम पृथ्वी का नाश कर रहे हैं।”
सामाजिक सहभागिता का आह्वान
श्यो प्रसाद ने धरती को बचाने के लिए समाज के सभी वर्गों की सहभागिता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “उद्योग-धंधों से नदी में रासायनिक अवशेष नहीं जाएंगे, किसान रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करेंगे, शहरवासी पालीथिन का उपयोग कम करेंगे और जंगल नहीं काटेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि यदि हर व्यक्ति अपनी क्षमता का 20% पर्यावरण संरक्षण में लगाए, तो हम धरती को 85% तक बचा सकते हैं।
इस अवसर पर सरपंच किरण रानी, मोहित, नविन, ललिता, सुमन और अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
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