हरियाणा विधानसभा चुनाव: बरोदा से टिकट न मिलने पर डॉ. कपूर नरवाल और जीता हुड्डा की बगावत, भूपेंद्र हुड्डा पर लगाया गद्दारी और ‘राजनीतिक हत्या’ के आरोप

टिकट न मिलने से नाराज जीता हुड्डा ने कांग्रेस पर 'राजनीतिक हत्या' का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "टिकट को लेकर मेरी भूपेंद्र हुड्डा से कोई बातचीत नहीं हुई थी। मैं उन्हें अपने पिता के समान मानता हूं। दीपेंद्र हुड्डा को मैं अपना भाई मानता था, लेकिन इस चुनाव में उन्होंने मेरे साथ विश्वासघात किया।"

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हाइलाइट्स

  • कांग्रेस नेता डॉ. कपूर सिंह नरवाल ने गोहाना में पार्टी से इस्तीफा दे दिया
  • वर्तमान कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल
  • कांग्रेस की लिस्ट पर भाजपा का हमला

सोनीपत, (अजीत कुमार): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. कपूर नरवाल ने भुपेंद्र सिंह हुड्डा पर गद्दारी का आरोप लगाते हुए रविवार को पार्टी से त्याग पत्र दे दिया है। दावा किया है कि बरोदा से कांग्रेस सीट हारेगी।

भाजपा के बाद कांग्रेस ने हरियाणा में प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करते ही विस्फोटिति स्थित पैदा हो गई है। बरोदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट के दावेदार रहे कांग्रेस नेता डॉ. कपूर सिंह नरवाल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अपने समर्थकों की बैठक बुलाई जिसमें हालात पर चर्चा कर आगे का फैसला लेंगे। कांग्रेस ने बरोदा हलके से वर्तमान विधायक इंदुराज नरवाल को टिकट दिया है। इसके साथ ही हलके में बगावत शुरू हो गई है। कपूर सिंह नरवाल की टिकट काटने की सूचना के बाद सुबह ही समर्थक उनके आवास पर पहुंचने लगे थे। उनसे बातचीत के बाद कपूर नरवाल ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया। साथ ही रविवार को 10 बजे अपने निवास स्थान पर कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई है।

टिकट न मिलने पर कपूर नरवाल ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनके साथ गद्दारी की है। बरोदा उपचुनाव में हुड्डा ने उनसे वादा किया था कि आम चुनाव में हर हाल में उनको टिकट दी जाएगी। चुनाव लड़ाया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि वह हुड्डा को उनकी वादा खिलाफी का जवाब जरूर देंगे। नरवाल ने कहा कि उनकी राजनीतिक हत्या हुई है। बरोदा हलके की जनता हुड्डा से बदला लेगी। आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी बरोदा विधानसभा सीट हारेगी।

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस द्वारा 32 प्रत्याशियों की सूची जारी किए जाने के बाद पार्टी के भीतर असंतोष गहराता जा रहा है। डॉ. कपूर सिंह नरवाल और राजेश जून के बाद अब जीता हुड्डा ने भी बगावत का बिगुल फूंक दिया है। जीता हुड्डा को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है। वह बरोदा विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक इंदुराज सिंह नरवाल को टिकट दिया है।

टिकट न मिलने से नाराज जीता हुड्डा ने कांग्रेस पर ‘राजनीतिक हत्या’ का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “टिकट को लेकर मेरी भूपेंद्र हुड्डा से कोई बातचीत नहीं हुई थी। मैं उन्हें अपने पिता के समान मानता हूं। दीपेंद्र हुड्डा को मैं अपना भाई मानता था, लेकिन इस चुनाव में उन्होंने मेरे साथ विश्वासघात किया।”

उधर, भाजपा ने इस विवाद पर चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “बाबू-बेटे ने धोखा किया, और जीता हुड्डा की जगह सिर्फ भालू पर ही भरोसा किया।”

कौन हैं जीता हुड्डा?
जीता हुड्डा, हरियाणा के वरिष्ठ नेता श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे हैं, जो किलोई और बरोदा विधानसभा से 6 बार विधायक रह चुके हैं। 1987, 1996 और 2005 में वह किलोई से विधायक बने। 2005 में उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए किलोई की सीट छोड़ दी और बाद में बरोदा से तीन बार (2009, 2014, 2019) विधायक बने। श्रीकृष्ण हुड्डा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी मित्र थे, इसी कारण जीता हुड्डा बरोदा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। हालांकि, कांग्रेस ने इस बार उन्हें टिकट न देकर सभी को चौंका दिया है।

भाजपा ने कसा तंज
हरियाणा में कांग्रेस के टिकट वितरण में मचे घमासान पर भाजपा ने तीखा हमला बोला है। भाजपा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “जीता हुड्डा का जमीर जाग गया है। उनके पिता स्वर्गीय श्रीकृष्ण हुड्डा ने 2005 में भूपेंद्र हुड्डा के लिए किलोई सीट छोड़ी थी, लेकिन बाबू-बेटे ने उन्हें धोखा दिया।”

कांग्रेस की लिस्ट पर भाजपा का हमला
हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने भी कांग्रेस की उम्मीदवार सूची पर निशाना साधते हुए कहा, “अभी सिर्फ 32 उम्मीदवार घोषित किए हैं। कुछ उम्मीदवार जेल में हैं, कुछ पर केस चल रहे हैं। आने वाली लिस्ट में और देखिए कौन-कौन होंगे। यह दिखाता है कि कांग्रेस के पास अच्छे उम्मीदवारों की कमी है।”

 

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