सोनीपत: सीएमओ पर गंभीर आरोप, अस्पताल संचालक ने की शिकायत

डॉ. जैन का कहना है कि अक्टूबर 2020 में डिप्टी सीएमओ के रूप में डॉ. जय किशोर ने सीता अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में अनियमितताओं की झूठी रिपोर्ट बनाई।

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सोनीपत, (अजीत कुमार): मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) पर सोनीपत के एक निजी अस्पताल संचालक ने गंभीर आरोप लगाए हैं। गन्नौर के सीता अस्पताल और मुरथल के संजोग अस्पताल के संचालक डॉ. संजय जैन ने सीएमओ डॉ. जय किशोर के खिलाफ मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों को शिकायत दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सीएमओ ने उनके अस्पतालों की गलत रिपोर्ट तैयार कर जबरदस्ती वित्तीय लाभ उठाने का प्रयास किया।

डॉ. जैन का कहना है कि अक्टूबर 2020 में डिप्टी सीएमओ के रूप में डॉ. जय किशोर ने सीता अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में अनियमितताओं की झूठी रिपोर्ट बनाई। जब इस पर आपत्ति जताई गई, तो डॉ. जयकिशोर के एक साथी ने उन्हें सीएमओ के घर पर मिलने की सलाह दी। मुलाकात के दौरान डॉ. किशोर ने धमकी दी कि उनकी पदोन्नति होने वाली है और अगर डॉ. जैन को अपने अस्पतालों को सुरक्षित रखना है, तो उन्हें सहयोग करना होगा। दबाव में आकर डॉ. जैन को झूठे आरोपों से बचने के लिए डॉ. किशोर की बात माननी पड़ी, जिससे डॉ. किशोर और उनके परिवार को वित्तीय लाभ मिला।

डॉ. जैन ने आरोप लगाया कि सीएमओ के दबाव में उन्होंने अपने प्रयास इंटरनेशनल स्कूल से डॉ. किशोर की पत्नी और बेटे को मासिक वेतन दिया, जबकि उनका बेटा अमेरिका में रह रहा है और उनकी पत्नी ने स्कूल में कोई सेवाएं नहीं दीं। डॉ. जैन का दावा है कि इस प्रक्रिया में 21 लाख 14 हजार रुपये का भुगतान किया गया। डॉ. किशोर ने अपनी बेटी और दामाद को जबरदस्ती उनके अस्पताल में उच्च वेतन पर काम पर रखवाया। इसके बावजूद, वे लगातार दबाव बनाते रहे और वित्तीय लाभ मांगते रहे।

एक मरीज की मृत्यु के बाद, डॉ. जैन ने दावा किया कि सीएमओ के दामाद द्वारा इलाज में लापरवाही बरती गई थी। इस मामले में भी डॉ. किशोर ने उनसे 25 लाख रुपये की मांग की और जांच में हेरफेर करने की धमकी दी।

डॉ. जैन ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि सीएमओ डॉ. जय किशोर के खिलाफ तुरंत जांच शुरू की जाए और उन्हें उनके पद से निलंबित किया जाए। साथ ही, उन्होंने अपनी सुरक्षा की भी मांग की है। उधर सीएमओ डा. जयकिशोर का पक्ष जानने के लिए पांच बार फोन मिलाया गया लेकिन उन्होंंने फोन पिक नहीं किया।

 

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